Sumitranandan Pant Biography In Hindi – कवि सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय
सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय, जन्म, शिक्षा, परिवार, करियर, पुरस्कार, पुस्तकें, कविता, माता, पिता, बच्चे (Sumitranandan Pant Biography In Hindi,Sumitranandan Pant Ka jeevan parichay, Date of Birth, Family, Education,Books, Career, Mother, Father, Struggle,sumitranandan pant ki rachna)
Sumitranandan Pant Biography In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज इस लेख में हम आपको छायावाद के आधार स्तंभ सुमित्रानंदन पंत के बारे में बताने जा रहे हैं। छायावाद कवि प्रसाद निराला की तरह ही सुमित्रानंदन पंत भी एक ऐसे कवि थे जिन्होंने अपनी रचनाओं में सुंदर सजीव और मनोरम दृश्य प्रदर्शित किए हैं।
इसलिए इन्हें प्रकृति प्रेमी का सुकुमार कवि भी कहा जाता है इनकी काव्य यात्रा के 3 सोपान माने गए हैं यह एक ऐसे छायावादी प्रवर्तक थे। जिन्होंने प्रकृति को बहुत करीब से देखा है अपना जीवन दिया है और वह प्रकृति को बहुत प्रेम करते थे।
आज इस लेख में हम आपको Sumitranandan Pant Biography In Hindi से जुड़ी बातें जैसे जन्म मृत्यु रचना एवं कृतियां भाषा शैली और काव्य शैली के बारे में संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। यदि आप इस महान छायावादी कवि के जीवन के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इसलिए इस लेखको अंत तक अवश्य पढ़ें।
Table of Contents
Sumitranandan Pant Biography In Hindi – कवि सुमित्रानंदन पंत का जीवन परिचय
नाम | सुमित्रानंदन पंत |
वास्तविक नाम | गोसेन दत्त |
जन्म | 20 मई 1900 |
जन्म स्थान | कौसानी उत्तराखंड भारत |
मृत्यु | 28 दिसंबर 1977 |
धर्म | हिंदू |
नागरिकता | भारतीय |
कविताएं | अंजलि घाटी में, मिट्टी का गहरा अंधकार, ग्राम, मानव, तितली आदि |
मृत्यु | प्रयाग राज, उत्तर प्रदेश |
प्रसिद्धि | कवि, लेखक |
माता का नाम | सरस्वती देवी |
पिता का नाम | गंगा दत्त |
जीवन का | 77 वर्ष |
सुमित्रानंदन पंत का जन्म (Sumitranandan Pant Birth)
छायावादी महान कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म भारत के राज्य उत्तराखंड के कौसानी गांव में 20 मई उन्नीस सौ में एक हिंदू परिवार के घर हुआ था। इनका असली नाम गोसाई दत्त था इनके जन्म के तुरंत बाद ही इनकी माता की मृत्यु हो गई और उनका लालन-पालन इनकी दादी ने किया।
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सुमित्रानंदन पंत का परिवार (Sumitranandan Pant Family)
सुमित्रानंदन पंत की पिताजी का नाम गंगा दत्त पंत का इनके पिता बहुत बड़े जमीदार थे और खेती करने के साथ-साथ चाय की बगीचे की भी देखरेख करते थे।
उनकी आर्थिक स्थिति उस समय काफी बेहतर थी इनकी माता का नाम सरस्वती देवी था जो कि एक कुशल ग्रहणी की इनका पूरा बचपन को सानी गांव में ही गुजरा था और यह गांव बहुत सुंदर है भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इस गांव की सुंदरता को देखते हुए इसे भारत का स्विट्जरलैंड बताया है।
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सुमित्रानंदन पंत की शिक्षा (Sumitranandan Pant Education)
Sumitranandan Pant ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से ही प्राप्त की और इन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के लिए 1918 में बनारस के क्वींस कॉलेज में एडमिशन लिया स्नातक इन्होंने कला संकाय विषय से पूरा किया।
जिसमें इन्होंने कई किताबों को पड़ा उस समय इन्होंने रविंद्र नाथ टैगोर और सरोजिनी नायडू की रचनाओं को भी काफी गहन तरीके से अध्ययन किया।
उस समय के अंग्रेज कवि थे जिनकी लवस्टोरी की कविताएं भी इन्होंने पड़ी इसके बाद वह मास्टर डिग्री के लिए मुइर कॉलेज उस समयअसहयोग आंदोलन चरम सीमा पर था और गांधी जी द्वारा आव्हान करने पर सुमित्रानंदन पंत ने अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया।
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सुमित्रानंदन पंत का कैरियर (Sumitranandan Pant Career)
छायावाद के प्रकृति सुकुमार कभी कहे जाने वाले सुमित्रानंदन ने अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़कर कविताओं पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किया और 1926 में पल्लव को प्रकाशित किया पंत का मानना था कि कभी सोचते तो हिंदी में है।
परंतु वह कविता को दूसरी भाषा में लिखते हैं और उन्होंने अपनी कविताओं को हिंदी भाषा में लिखना शुरू कर दिया इसके बाद सुमित्रानंदन पंत अपने गांव चले गए और गांव में करीब 9 साल तक अकेले प्रकृति के पास रहे उन्हें प्रकृति से काफी लगाव था।
उनके मन में हमेशा महात्मा गांधी कार्ल मार्क्स के विचार घूमते रहते थे। जब सुमित्रानंदन पंत 1941 में अल्मोड़ा पहुंचे तो वहां पर इन्होंने औरोबिंदो लाइफ डिवाइन पुस्तक को पड़ा इस पुस्तक ने उन्हें बहुत ज्यादा प्रभावित किया।
करीब 3 साल के बाद Sumitranandan Pant पांडिचेरी गए और वहां जाकर औरोबिंदो के आश्रम से जुड़ गए इस आश्रम से जुड़ने के बाद वह वापस इलाहाबाद आ गए।
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सुमित्रानंदन को मिले पुरस्कार (Sumitranandan Pant awards
1960 | साहित्य अकैडमी पुरस्कार |
1961 | पद्मभूषण पुरस्कार |
1969 | ज्ञानपीठ पुरस्कार |
सुमित्रानंदन द्वारा लिखि पुस्तकें (Sumitranandan Pant Books)
- पल्लव
- ग्राम में
- कला और बूढ़ा चांद
- तारा पथ
- चिदंबरा
- गुंजन
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सुमित्रानंदन पंत की कविताएँ (Poems by Sumitranandan Pant)
- ग्राम श्री
- काले बादल
- बापू के प्रति
- संध्या
- तितली
- ताज
- मान
- मिट्टी का गहरा अंध का
- पर्वत प्रदेश में वापस
- आंधी आंधी घाटी में
- चांदनी
- ग्रह का आज
- ताज
- दो लड़के
- नहान
- गंगा
- बसंत
- जग जीवन में जो चिर महान
- नौका विहार
- 15 अगस्त 1947
- भारत माता ग्रामवासिनी
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सुमित्रानंदन पंत की मृत्यु (Sumitranandan Pant Death)
भारत के महान कवि सुमित्रानंदन पंत की मृत्यु 18 दिसंबर 1977 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुई थी जब इनकी मृत्यु हुई थी तब इनकी आयु मात्र 70 वर्ष की थी।
सुमित्रानंदन पंत की मृत्यु के बाद बताया जाता है कि उत्तराखंड के कौसानी गांव वाले उनके मकान को आज सरकार के द्वारा म्यूजियम में बदल दिया गया है म्यूजियम को इस तरीके से बनाया गया है कि उनकी रचनाएं व लेखन प्रतिलिपि या बड़े ही अच्छे ढंग से रखी गई है आने वाले सभी लोग इन सभी रचनाएं एवं प्रतिनिधियों को देखते हैं।
Q. सुमित्रानंदन पंत का जन्म कब हुआ था?
सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई उन्नीस सौ में हुआ था.
Q. सुमित्रानंदन पंत का जन्म कहां हुआ था?
सुमित्रानंदन पंत का जन्म कौसानी उत्तराखंड भारत में हुआ था
Q. सुमित्रानंदन पंत के माता का नाम क्या था?
सुमित्रानंदन पंत की माता का नाम सरस्वती देवी था
Q. सुमित्रानंदन पंत के पिता का नाम क्या था?
सुमित्रानंदन पंत के पिता का नाम गंगाधरपंत था
Q. सुमित्रानंदन पंत की प्रसिद्ध कविताओं का नाम बताइए?
सुमित्रानंदन पंत की प्रसिद्ध कविताओं का नाम तितली, मिट्टी का गहरा अंधकार, ताज, सन्ध्या,, ताज, मानव, बापू के प्रति, अँधियाली घाटी में, आदि सुमित्रानंदन पंत की प्रसिद्ध कविताएं हैं।
Q. सुमित्रानंदन पंत का वास्तविक नाम क्या था?
सुमित्रानंदन पंत का वास्तविक नाम गोसाई दत्य था लेकिन हिंदी साहित्य की दुनिया में उन्हें सुमित्रानंदन पंत के नाम से ही जाना जाता है
Q. सुमित्रानंदन पंत कौन थे?
सुमित्रानंदन पंत एक भारत के छायावाद के बहुत बड़े कवि थे उनका जन्म 20 मई उन्नीस सौ में हुआ था
Q. सुमित्रानंदन पंत की मृत्यु कब हुई थी?
सुमित्रानंदन पंत की मृत्यु 28 दिसंबर 1977 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था इनकी मृत्यु के समय इनकी आयु 70 वर्ष की थी
Q. सुमित्रानंदन पंत को किन पुरस्कारों से नवाजा गया था?
सुमित्रानंदन पंत को अपने जीवन काल में पदम विभूषण, ज्ञान अवॉर्ड और साहित्य अकैडमी अवॉर्ड जैसे कई पुरस्कार से सरकार के द्वारा सम्मानित किया था
आज आपने सीखा – Sumitranandan Pant Biography in hindi
दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको भारत के महान कवि सुमित्रानंदन पंत के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से सभी जानकारी बताई है सुमित्रानंदन पंत को छायावाद का बहुत बड़ा कवि माना जाता है।
यह ऐसे कवि थे जिन्हें प्रकृति से बहुत ज्यादा प्रेम था इसलिए इन्हें प्रकृति प्रेमी भी माना जाता है हमने आपको Sumitranandan Pant से जुड़ी आज के इस लेख में सभी जानकारी साझा की है।
आशा करते हैं दोस्तों हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप खुश होंगे इसी प्रकार और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करें और यह सभी जानकारी आप अपने मित्रों को जरुर शेयर करें ताकि उन्हें भी यह सब जानकारी प्राप्त हो धन्यवाद।
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