सुभाषचन्द्र बोस का जीवन परिचय,जाने कैसे बने इतने बड़े नेता | Subhas Chandra Bose Biography in Hindi
सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय, जन्म, परिवार, मृत्यु, इतिहास, विचार, अवार्ड ( Subhas Chandra Bose Biography in Hindi, Birth, Education, Family, Marriage, Death, History, Subhas Chandra Bose Ka jeevan parichay )
Subhas Chandra Bose ka jeevan Parichay: नमस्कार दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे महान देशभक्त के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने हमारे देश की आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई हैI
दोस्तों हम बात कर रहे हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की यह नाम केवल एक व्यक्ति विशेष का नहीं है बल्कि उस महान पराक्रमी वीर का है जिसकी रगों में देशभक्ति का रक्त बहता था सुभाष भारत माता की एक ऐसे बेटे थेI
जिनका कर्ज भारतवासी कभी नहीं चुका सकते अपनी मातृभूमि को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराने के लिए सुभाष चंद्र बोस ने खुशी-खुशी अपने प्राणों की आहुति दे दी तो आइए जानते हैं इस वीर सपूत के जीवन के बारे में और अधिक जानने के लिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें I
Table of Contents
सुभाषचन्द्र बोस का जीवन परिचय ( Subhas Chandra Bose Biography in Hindi )
नाम | सुभाष चंद्र बोस |
उपनाम | नेताजी |
जन्म | 23 जनवरी 1891 |
जन्म स्थान | कटक उड़ीसा |
राजनीतिक दल | कॉन्ग्रेस |
मृत्यु | 18 अगस्त 1948 |
स्कूल का नाम | एक प्रोटेस्टेंट यूरोपीयन स्कूल रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल, कटक, ओडिशा, भारत |
कॉलेज का नाम | Presidency College Scottish Church College Fitzwilliam College |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
सुभाषचंद्र बोस का जन्म (Subhas Chandra Bose Birth)
सुभाषचंद्र बोस का जन्म उड़ीसा के कटक शहर में 23 जनवरी 1897 मैं एक संपन्न परिवार में हुआ था इनके 14 भाई बहन थेI सुभाष चंद्र बोस अपनी माता पिता की 9 वीं संतान थे उनका लालन-पालन बहुत ही अच्छे ढंग से किया गया थाI
सुभाषचंद्र बोस का परिवार (Subhas Chandra Bose Family)
सुभाष के पिता का नाम जानकीनाथ था जोकि कटक के बहुत ही प्रसिद्ध वकील थे सरकार द्वारा समाज के पिताजी को राय बहादुर की उपाधि भी दी गई थी इनके पिता बंगाल विधानसभा के सदस्य भी रहे थे I
सुभाषचंद्र बोस की माता का नाम प्रभावती था जो कि एक कुशल ग्रहणी थी प्रभावती गंगा नारायण दत्त की बेटी थी वैसे तो सुभाष चंद्र के बहुत भाई-बहन के परंतु वहअपने एक बड़े भाई शरद चंद्र के काफी करीब थे I
सुभाषचंद्र बोस के 8 भाई और 6 बहन थी यह अपने माता पिता की नौवीं संतान थे उनका परिवार काफी संपन्न था जिसमें कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं थीI
इतने बच्चे होने के बाद भी सभी का पालन पोषण बढ़िया तरीके से किया गया कभी भी किसी बच्चे के लिए किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती गई और सभी पर बेहतर तरीके से ध्यान दिया गया.
नाम | सुभाष चंद्र बोस |
पिता का नाम | जानकीनाथ बोस |
माता का नाम | प्रभावती देवी |
भाई का नाम | शरद चंद्र बोस |
बहन का नाम | जानकारी नहीं है |
पत्नी का नाम | एमिली शेंक्ली |
बेटी का नाम | अनीता बोस फाफ |
सुभाषचंद्र बोस की शिक्षा Subhas Chandra Bose Education
सुभाष चंद्र बोस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटक के यूरोपियन स्कूल से की प्राइमरी की पढ़ाई पूरी होने के बाद 1909 मैं सुभाष ने Revesicoligiat स्कूल में एडमिशन लियाI सुभाष बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थेI
मात्र 15 वर्ष की उम्र में ही इन्होंने विवेकानंद साहित्य को पूरा पढ़ लिया था 1915 में जब स्कूल की पढ़ाई के दौरान इनकी तबीयत बहुत खराब हो गई थीI परंतु फिर भी इन्होंने अपनी इंटरमीडिएट स्कूल की परीक्षा में दूसरे स्थान प्राप्त किया थाI
नेताजी अपने टीचर के सबसे प्रिय विद्यार्थी थे 1916 में यह कोलकाता चले गए और वहां के प्रेसिडेंट कॉलेज में एडमिशन लेकर बीएसपी विषय से ग्रेजुएशन करने लगे परंतु इस कॉलेज में एक अंग्रेज प्रोफेसर था जो कि भारतीय विद्यार्थी को बहुत परेशान करता थाI
जब नेता जी ने उनका विरोध किया और भारतीय विद्यार्थियों का नेतृत्व करने लगे जिसके कारण प्रेसिडेंट कॉलेज से निकाल दिया गया और 1 साल तक परीक्षा देने की सजा दी गईI
परंतु बिना देरी किए Skatish कॉलेज में एडमिशन ले लिया और 1919 में बीए की परीक्षा पहले स्थान से पास की और पूरे कोलकाता विश्वविद्यालय में सुभाष को बीए की परीक्षा में दूसरा स्थान मिलाI
सुभाष चंद्र का कैरियर Subhas Chandra Bose ka Career
सुभाष चंद्र बोस सेना में भर्ती होना चाहते थे इसलिए उन्होंने49 वी नेटिव बंगाल रेजीमेंट के लिए परीक्षा दी थी परंतु नेताजी की आंखों में कमी होने के कारण इन्हें सेना में भर्ती नहीं किया गया
तब उन्होंने सिविल सेवा की सर्विस में जाने का सोचा परंतु अंग्रेजों की शासन में आईएएस बनना भारतीयों के लिए बहुत ही बड़ी चुनौती का विषय था
परंतु फिर भी इनके पिताजी ने इन्हें यूपीएससी की तैयारी करने के लिए इंग्लैंड भेज दिया था परंतु भारतीय होने के कारण किसी भी यूपीएससी तैयारी कराने वाली कोचिंग में एडमिशन नहीं दिया
उन्होंने self study करके ही यूपीएससी की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया सुभाष चंद्र बोस को यूपीएससी की परीक्षा में सबसे ज्यादा नंबर इंग्लिश विषय में मिले थे
सुभाषचंद्र बोस अपने बेटे से बहुत प्यार करते थे इसलिए वह इस पद पर काम नहीं करना चाहते थे इसके बाद नेता जी ने अपने भाई शरतचंद्र को एक पत्र लिखा और पत्र में कहा कि मैं स्वामी विवेकानंद को अपना गुरु मानता हूं और उनके बताए गए आदेशों का ही पालन करना चाहता हूं
ऐसी स्थिति में क्या करूं मैं अंग्रेजों की गुलामी नहीं कर पाऊंगाक्योंकि यह मेरे देश की गरिमा के लिए सही नहीं है और 22 अप्रैल 1921 को इन्होंने उस समय जो भारत के सचिव ईएस मांटेग्यू को अपना इस्तीफा दे दिया
इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के ही मानसिक एवं नैतिक विज्ञान मैं ट्राईपास की डिग्री हासिल की और जून1921 मैं अपने देश भारत वापस लौट कर आ गए
सुभाषचंद्र बोस का राजनीतिक सफर Subhas Chandra Bose political Struggle
भारत वापस आने के बाद सुभाष स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल हो गए और उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की तब इनकी मुलाकात रविंद्र नाथ टैगोर से हुईI
उन्होंने सुभाष को महात्मा गांधी से मिलने का सुझाव दिया फिर भी जुलाई 1921 को सुबह पहली बार मुंबई के मणि भवन में महात्मा गांधी से मिले महात्मा गांधी ने सुभाष से कहा कि तुम कोलकाता जाकर देशबंधु चितरंजन दास के साथ काम करोI
गांधीजी के सुझाव को मानकर सुभाष चंद्र बोस कोलकाता आ गए और वहां आकर उन्होंने चितरंजन जी दांत से भेंट की चितरंजन दास सुभाष चंद्र बोस से काफी प्रभावित हैंI और इनके मिलनसार व्यक्तित्व के कारण इन्हें कोलकाता की महापौर का सीईओ बना दिया गयाI
सीईओ के पद पर रहते हुए सुभाष चंद्र ने काफी अच्छे काम किए जिसकी वजह से लोग उन्हें सुभाष चंद्र जी कहकर पुकारने लगे थेI उनके अच्छे कामों की चर्चा चारों ओर फैल गई थीI क्योंकि नेताजी एक युवा लीडर थे जो एक नई सोच लेकर आए थेI
सुभाष जल्दी से जल्दी गुलाम भारत को आजाद कराना चाहते थे परंतु पुराने नेताजी सुभाष चंद्र से खुश नहीं थे क्योंकि उनकी विचारधारा पुरानी थी इसलिए राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष का पद पर चुनाव हुआI
एक तरफ सुभाष चंद्र बोस थे और दूसरी और गांधीजी ने पट्टा भी सीतारामय्या को खड़ा कर दिया इस चुनाव में नेताजी ने काफी बहुमत प्राप्त किया और जीत गएI
परंतु सुभाष चंद्र के जीतने से गांधी जी बहुत दुखी थे क्योंकि वह पट्टाबी सीतारामय्या की हार को अपनी हार समझ रहे थेI जैसे ही नेता जी को इस बात का पता चला तो उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया और कुछ दिनों बाद कांग्रेस छोड़ दी और फिर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को इसका अध्यक्ष चुना गयाI
सुभाष चंद्र बोस इंडियन नेशनल आर्मी (Subhash Chandra Bose INA)
सितंबर 1939 में जब दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था तब नेता जी ने अपना पूरा ध्यान वहीं पर लगा दिया और इसे इस सुनहरे मौके के रूप में देखा मैं अपनी स्वतंत्र पार्टी के जरिए पूरी दुनिया से मदद लेना चाहते थेI ताकि अंग्रेज पर दवा पड़े और वह जल्द से जल्द भारत छोड़ दें I
इसलिए उन्होंने ब्रिटिश सरकार का तेजी से विरोध किया जिसके कारण नेता जी और उनके साथियों को सरकार ने जेल में डाल दिया परंतु वह सुनहरे अफसर को अपने हाथ से खोना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने जेल में अनशन शुरू कर दिया और 2 हफ्ते तक कुछ भी खाया पिया नहीं I
इस कारण इनकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी जिसके कारण भारत के नौजवानों ने नेताजी की रिहाई की मांग के लिए सड़क पर उतर आए थे इस कारण ब्रिटिश सरकार ने इन्हें रिहा कर दिया I
परंतु नजरबंद रखने का आदेश दिया और इनके घर में ही बंद कर दिया गया और घर के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया गया I
इस समय 1941 मैं सुभाष ने अपने भतीजे शिशिर की मदद से वहां से भागने में कामयाब रहे और भागकर बिहार की गोमाह गए इसके बाद सुभाष पाकिस्तान की पैसा पर जा पहुंचे और सो गएI इसके बाद जर्मनी के साथ एडोल्फ हिटलर से मिले सुभाष ने अपनी पढ़ाई के समय ही देशों में भ्रमण कर लिया थाI
देश दुनिया में किस तरह के लोग हैं वह अच्छी तरह से समझ चुके थे जब गए इंग्लैंड पढ़ने गए थे तभी उन्हें इस बात की जानकारी लग गई थी कि हिटलर और जर्मनी का दुश्मन इंग्लैंड हैI और नेताजी ने बदला लेने के लिए कूटनीति का उपयोग किया क्योंकि वह समझ गए थे कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त बन सकता हैI
सुभाष चंद्र बोस का वैवाहिक जीवन (Subhash Chandra Bose Marraige)
सुभाष चंद्र जब ऑस्ट्रेलिया पहुंचे तो इनकी मुलाकात एमिली से हुई जो कि काफी सुलझी हुई लड़की थी नेताजी ने 1937 में एमिली के साथ शादी कर ली और उनके साथ बारलेन में रहने लगे I
परंतु नेताजी की शादी के बारे में किसी को पता ही नहीं था कि सुभाष चंद्र बोस की शादी हो गई है इस बात की जानकारी लोगों को 1993 में पता चली ऐसा दूसरे नेता जी के एक बेटी भी थी जिसका नाम अनीता बोस थाI
सुभाष चंद्र बोस को नेताजी का नारा
नेताजी 1943 मैं जर्मनी को छोड़कर जापान पहुंचे यहां पहुंचने के बाद आजाद हिंद फौज के नेता मोहन सिंह से मिले तभी नेताजी मोहन सिंह और उनके साथ ही राज बिहारी ने मिलकर एक नई पार्टी आजाद हिंद सरकार बनाईI
1944 मैं आजाद हिंद फौज का पुनर्गठन कर नारा दिया जिसके बोल थे तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा इस नारे ने पूरे देश में नई क्रांति ला दी थीI और हर नौजवान के मुंह पर यही नारा सुनाई देने लगा थाI इस नारे के बाद से ही सुभाष चंद्र नेताजी कहे जाने लगे थेI
क्योंकि इनका नारा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा इससे युवाओं के मन में देश के प्रति समर्पित होने का भाग जागृत हो गया था और वह अपने देश की आजादी के लिए मर मिटने के लिए तैयार थेI
सुभाषचंद्र बोस दिल्ली चलो नारा
द्वितीय विश्वयुद्ध मैं आजाद हिंद फौज ने जापानी सेना की मदद से भारत पर हमला कर दिया इस फौज को उत्साह से भरने के लिए उत्साह से भरने के लिए नेता जी ने दिल्ली चलो का नारा दियाI
जब दोनों फौजों ने भारत पर हमला किया तो अंग्रेजों से अंडमान निकोबार दीप जीत लिए इन दीपों क को नेता जी ने नए नाम दिएI
शहीद दीप और स्वराज्य दीपफिर से नए जोश के साथ इन दोनों फौजों ने इंफाल और कोहिमा पर हमला कर दिया परंतु अंग्रेजों की फौज काफी बड़ी थी जिसके कारण इन के फौजियों को पीछे हटना पड़ाI
सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा
आजाद हिंद फौज ने 6 जुलाई 1944 को रेडियो पर आपने भाषण के द्वारा महात्मा गांधी को संबोधित करते हुए नेताजी ने जापान की मदद का कारण बताया तब गांधीजी ने सुभाष चंद्र बोस को नेताजी कहा और नेताजी ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित कियाI
सुभाष चंद्र बोस की पुस्तकें (Subhas Chandra Bose Books)
भारत का संघर्ष पुस्तक का प्रकाशन लंदन से हुआ था यह पुस्तक सुभाष चंद्र बोस ने लिखी थी जिसमें भारत ने किस प्रकार संघर्ष किया है और भारत के नागरिकों को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा हैI आजादी को पाने के लिए इसका विस्तृत वर्णन सुभाष चंद्र बोस ने इस पुस्तक में किया है I
सुभाष चंद्र बोस जयंती (Subhas Chandra Bose Jyanti)
दोस्तों 23 जनवरी को सुभाष चंद जयंती के रूप में मनाई जाती है इस दिन विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम नेताजी के याद में किए जाते हैं। देश के बड़े नेता जैसे प्रधानमंत्री राष्ट्रपति जैसे अन्य प्रतिनिधि सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
सुभाष चंद्र बोस पुण्यतिथि
सुभाष चंद्र की मृत्यु 18 अगस्त 1945 में रश्मि तरीके से की गई थी आज भी सभी व्यक्ति के लिए नेताजी की मृत्यु रेस्मी है लोगों को आज भी पता नहीं है। कि सुभाष चंद्र की मृत्यु आखिर कैसे हुई थी। इसलिए 18 अगस्त को सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि मनाई जाती है।
इस दिन उनकी याद में देश में कई बड़े आयोजन किए जाते हैं क्योंकि सुभाष चंद्र बोस जी के कारण ही आज भारत आजाद हो पाया है उन्होंने अपने जीवन की आहुति इस देश को आजादी के लिए ही दे दी ।
सुभाष चंद्र बोस के बारे में 10 | Subhash Chandra Bose 10 Line
- 23 जनवरी 18 सो 97 में सुभाष चंद्र बोस का जन्म उड़ीसा के कटक में हुआ था।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस अपने माता पिता की आठवीं संतान थी।
- सुभाष चंद्र बोस ने अपनी नौकरी से साल 1921 में इस्तीफा दे दिया था।
- जब भगत सिंह को फांसी हुई थी तब सुभाष चंद्र बोस और गांधीजी के बीच में मतभेद हो गई थी।
- सुभाष चंद्र बोस ने 1947 में आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी।
- सुभाष चंद्र बोस ने कोलकाता विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री प्राप्त की थी।
- नेता जी के पिताजी का नाम जानकीनाथ बोस था वह भी एक मशहूर सरकारी वकील थे।
- नेताजी को भारत की आजादी के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में गिना जाता है।
- 18 अगस्त 1945 को ताइवान में सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु हो गई थी।
सुभाषचंद्र बोस पर बनी फिल्म | Subhash Chandra Bose Movies
सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित विभिन्न प्रकार की फिल्में भारतीय निर्माताओं के द्वारा बनाई गई है आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी फिल्मों के बारे में जैसे –
1950 | समाधी |
1966 | सुभाष चंद्र, |
2004 | नेताजी सुभाषचंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो |
2011 | अमी सुभाष बोलची |
2017 | बोस डेड अलाइव |
2019 | गुमनामी |
2020 | द फॉरगॉटेन आर्मी |
सुभाष चंद्र बोस के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
नेताजी को 1992 मैं भारत का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न मानव प्राण देने की बात कही गई थी परंतु उनकी मृत्यु को लेकर संसद में एक नई बहस शुरू हो गईI जिसके कारण भारत सरकार ने उन्हें यह पुरस्कार देने की बात को ही खारिज कर दियाI
सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु को लेकर विवाद (Subhas Chandra Bose controversy)
मुखर्जी कमीशन ने सन 2006 में संसद में कहा था कि नेताजी की मौत दिमाग फ्रेश के कारण नहीं हुई है और रेकोजी मंदिर में जो अस्थियां रखी हैI वह नेताजी की नहीं हैI परंतु भारत सरकार ने इस बात को खारिज कर दिया और इस बात पर आज भी जांच के साथ-साथ विवाद चल रहा है I
सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु ( Subhas Chandra Bose Death)
नेताजी द्वितीय विश्व युद्ध मैं जापान की हार के बाद से ही काफी दुखी थे और वह इस समस्या का कोई नया हल निकालना चाहते थेI इसलिए उन्होंने रूस से मदद मांगने की सोची और 18 अगस्त 1945 को नेताजी मसूरिया की तरफ जा रहे थेI तब ताइवान मैं इनका प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गयाI
लेकिन उनका मृत शरीर नहीं मिला और कुछ समय बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया भारत सरकार ने नेताजी की मृत्यु के लिए इस जगह पर बहुत ही जांच की कमेटी बनाईI
परंतु इस बात का आज तक पता नहीं चला कि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई मई 1956 में शाहनवाज कमेटी नेताजी की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए जापान गई पर ताइवान से राजनीतिक रिश्ता अच्छा ना होने के कारण वहां की सरकार ने इस कमेटी की कोई खास मदद नहीं की और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत एक रहस्य बनकर ही रह गई हैI
आज भले ही नेताजी हम लोगों के बीच में नहीं रहे हो परंतु उन्होंने अपनी धरती मां के लिए ऐसा कर्तव्य निभाया है जिस कारण पूरा भारत है और इस कर्ज को वह मरते दम तक नहीं चुका सकता है I
क्योंकि सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के समय के आईएएस पद को त्याग कर भारत की आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई है वह भारत माता के सच्चे सपूत हैंI जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति हंसते-हंसते अपनी आजादी के लिए दे दीI
सुभाष चंद्र ऐसे नेता थे जो भारत को गुलामी की जंजीरों से जल्द से जल्द आजाद कराना चाहते थे और उन्होंने कई देशों का भ्रमण कर लोगों की जानकारी भी इसलिए हासिल की थीI ताकि भारत की आजादी में लोगों की मदद ले सके परंतु ताइवान में दुर्घटना से भारत ने अपने लाल को खो दियाI
Q. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु कब हुई?
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त 1945 में एक विमान दुर्घटना के कारण हुई थी
Q. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम क्या था?
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस था
Q. सुभाष चंद्र बोस जयंती कब मनाई जाती है?
23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती मनाई जाती है
Q. आजाद हिंद फौज की स्थापना कब हुई थी
आजाद हिंद फौज की स्थापना 1943 में नेताजी के द्वारा हुई थी
Q. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म कब और कहां हुआ था?
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1891 में कटक में हुआ था
Q. आजाद हिंद फौज की स्थापना किसने की थी?
आजाद हिंद फौज की स्थापना सुभाष चंद्र बोस की थी
अंतिम शब्दों में
दोस्तों इस लेख में हमने आपको सुभाष चंद्र बोस के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से सभी जानकारी बताइए सुभाष चंद्र बोस भारत के एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई थी.
उन्होंने अपने प्राणों की आहुति इस देश को देते हुए एक बार भी अपने परिवार के बारे में नहीं सोचा उन्होंने बड़े गगन और हिम्मत से देशभक्ति की थी जिसके कारण आज भारत आजाद हुआ है हमने उनके संघर्षों के बारे मैं और उनसे जुड़ी सभी जानकारी इस लेख में आपके लिए साझा की है.
आशा करते हैं दोस्तों हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप खुश होंगे इसी प्रकार और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करें और यह सभी जानकारी आप अपने मित्रों को जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी ऐसे महान व्यक्ति के जीवन परिचय के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके धन्यवाद.
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