सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय | subhadra kumari chauhan ka jivan parichay
सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय, जन्म, शिक्षा, परिवार, पुरस्कार, प्रमुख रचनाएं, मृत्यु, अपने जीवन का परिश्रम ( subhadra kumari chauhan ka jivan parichay , subhadra kumari chauhan Biography In hindi, subhadra kumari chauhan kon hai , Birth, Education, Family, Awads, Poems, Death )
subhadra kumari chauhan Biography : नमस्कार दोस्तों, आज इस लेख में हम आपको हिंदी साहित्य की महान और श्रेष्ठ विभूति सुभद्रा कुमारी चौहान के बारे में बताने जा रहे हैं।
जिन्होंने साहित्य का लेखन कर एक लेखिका का धर्म निभाया है वहीं दूसरी और राष्ट्रीय भावों से युक्त साहित्य के द्वारा लोगों को जागरूक करके एक देश का सच्चा नागरिक होने का कर्तव्य निभाया है।
यह हिंदी की प्रसिद्ध कवियत्री और लेखिका थी भारत की आजादी के लिए उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा कई यात्राएं सही है जिनकी कारण परिवार इन्हें जेल भी जाना पड़ा था इनकी कहानी और कविता में भाषा बहुत ही सरल और काव्यात्मक होती हैं।
इसी कारण इनकी रचना नैनो की दिल को छू लिया है और इन्होंने भी अपना जीवन उच्च विचारों पर जिया है वह भी अपने देश की आजादी को जल्द से जल्द देखना चाहती थी।
इसलिए उन्होंने हर आंदोलन में हिस्सेदारी ली थी यदि आप इस महान लेखिका के जीवन के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें।
Table of Contents
सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय | subhadra kumari chauhan ka jivan parichay
नाम | सुभद्रा कुमारी चौहान |
जन्म | 16 अगस्त 1904 |
जन्म स्थान | निहालपुर, जिला इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) |
माता का नाम | धिराज कुँवरी |
शिक्षा | नौवीं कक्षा पास |
संतान | 5 |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
जाति | चौहान |
जीवन काल | 43 साल |
पिता का नाम | ठाकुर रामनाथ चौहान |
सुभद्रा कुमारी का जन्म (subhadra kumari chauhan Birth)
हिंदी साहित्य की महान कवियत्री सुभद्रा का जन्म भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के निकट निहालपुर गांव में 16 अगस्त 1904 में नाग पंचमी के दिन हुआ था।
इनका परिवार काफी संपन्न और जमीदार हुआ करता था बचपन से ही यह काफी होशियार की और उन्हें कविताएं पढ़ने में बहुत ज्यादा रुचि थी इनकी चार बहने और दो भाई थे।
सुभद्रा कुमारी का परिवार (subhadra kumari chauhan Family)
नाम | सुमित्रा कुमारी चौहान |
पिता का नाम | ठाकुर रामनाथ सिंह चौहान |
पति का नाम | ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान |
बेटियों का नाम | ममता, सुधा चौहान |
बेटों का नाम | अशोक चौहान, विजय चौहान, और अजय चौहान |
सुमित्रा कुमारी की शिक्षा (subhadra kumari chauhan Education)
सुमित्रा कुमारी चौहान ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर से ही पिता की देखरेख में प्राप्त की थी। इनके पिता रामनाथ सिंह शिक्षा के बहुत बड़ी प्रेमी थे सुभद्रा ने इलाहाबाद में रहते हुएक्रॉस्थवेट गर्ल्स स्कूल’ से अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
परंतु कुछ ऐसे कारण आ गए थे कि इन्हें बीच में पढ़ाई छोड़ना पड़ा परंतु सुभद्रा कुमारी चौहान बहुत ही खुशी और तीव्र बुद्धि की थी। जब वह अपने घर से स्कूल तक जाती थी तो तांगे पर बैठकर ही कविता लिख लेती थी।
महादेवी वर्मा उनकी बहुत अच्छी मित्र थी जब वह स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त करती थी। तो उन्हें इनाम दिया जाता था इस नाम को लेकर वह बहुत खुश होती थी और पूरी मेहनत और लगन से उन्होंने अपनी पढ़ाई की थी।
सुभद्रा कुमारी का वैवाहिक जीवन (subhadra kumari chauhan marraige)
सुभद्रा कुमारी की शादी बहुत ही छोटी उम्र में कर दी गई थी 1919 में मध्य प्रदेश खंडवा जिले के ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान के साथ सुभद्रा की शादी कर दी गई थी जब वह मात्र 16 वर्ष की थी।
शादी के बाद वह मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में रहने के लिए आ गई थी वह अपने दांपत्य जीवन से सुखी थी और इस शादी से उन्हें पांच संताने प्राप्त हुई जिनमें दो बेटी सुधा चौहान और ममता चौहान और तीन बेटे अजय चौहान विजय चौहान अशोक चौहान थे।
उन्होंने अपने बच्चों को काफी अच्छी परवरिश दी थी और अपनी परिवार और देश के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व जीवन समर्पित कर दिया था।
समुद्रा कुमारी चौहान का कैरियर (subhadra kumari chauhan Career)
हिंदी साहित्य की कवियत्री सुभद्रा बचपन से ही अद्भुत और बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही है उन्हें बचपन से ही कविताओं से काफी लगाव था और वह बहुत छोटी उम्र से कविता लिखने के लिए विख्यात हो चुकी थी।
मात्र 9 साल की उम्र में जब बच्चा खाना और चलना सीखता है इन्होंने इस आयु में अपनी पहली कविता नीम लिख डाली थी जो की मर्यादा पत्रिका में 1913 में प्रकाशित हुई थी उन्होंने पैसा कमाने के लिए कविताओं के साथ-साथ कहानियां लिखना भी शुरू कर दिया था।
इन्होंने अपने जीवन काल में बहुत सी कविताएं लिखी थी परंतु सबसे ज्यादा फेमस और प्रसिद्ध कविता झांसी की रानी कि जिसमें महारानी लक्ष्मीबाई की संपूर्ण जीवन को बहुत कम शब्दों में प्रदर्शित किया गया था। इस रचना को पढ़ने के बाद ही महिलाओं में एक नई शक्ति और ऊर्जा का संचार होता है।
यह कविता सबसे ज्यादा पढ़ी जाती है 18 57 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई की योगदान का संपूर्ण वर्णन इस कविता में मिलता है। और उनकी कई अन्य साहित्य रचना है जो राष्ट्रीय प्रेम से ओतप्रोत है।
जैसे कि वीरों का कैसा हो, बसंत राखी की चुनौती और विदा जैसी प्रोत्साहित करने वाली रचनाओं का भी इन्होंने ही लेखन किया था।
सुभद्रा कुमारी चौहान ने आंदोलनों में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
जब भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था तब इन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए आंदोलनों में अपनी अहम भूमिका निभाई थी यह अपनी रचनाओं से लोगों के अंदर देश के प्रति समर्पण का भाव पैदा करती थी
उसके साथ ही समाज में फैली कुरीतियों और स्वदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन करती थी 1921 में जब महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया था तो उन्होंने अपने पति के साथ इस आंदोलन का समर्थन करते हुए इसमें भाग लिया था
इस आंदोलन में भाग लेने के लिए इन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्यता भी ग्रहण की थी जब गुजरात कि कांग्रेस अधिवेशन में समुद्रा महात्मा गांधी से मिली तब इनके अंदर राष्ट्र के प्रति प्रेम और ज्यादा प्रगाढ़ हो गया था।
असहयोग आंदोलन में हिस्सा लेने वाली सुभद्रा कुमारी पहली महिला बन चुकी थी जिसके कारण मैंने दो-तीन बार जेल भी जाना पड़ा।
1922 में जब जबलपुर में झंडा सत्याग्रह किया गया था तब उस आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने नागपुर में प्रारंभ किया इसके कारण उन्हें अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया था।
इसके बाद 1936 में यह समाज सेवा के लिए राजनीति में उतर आए और इसी साल विधानसभा की सदस्य बन गई इसके बाद 1945 में सुभद्रा कुमारी चौहान को दूसरी बार विधानसभा का सदस्य चुना गया था।
सुभद्रा कुमारी चौहान का व्यक्तित्व
बचपन से ही मुद्रा के अंदर दबंग बहादुर और विद्रोही स्वभाव देखा गया था उनके ह्रदय में सरलता और निष्कपटता का कूट कूट कर भरी थी।
उनका व्यक्तित्व प्रेम संघर्ष शीलता साहस व त्याग की प्रतिमूर्ति था वह एक ममता से परिपूर्ण मां आदर्श बहू और एक उत्तम ग्रहणी थी।
उनका संपूर्ण जीवन ही एक आदर्श था जिस पर चलकर उन्होंने अपने नाम को अमर कर लिया है और आज भी हमारे बीच कविता और रचनाओं के माध्यम से जीवित हैं।
सुधा कुमारी चौहान की प्रमुख रचनाएं
प्रमुख कविता संग्रह –
1 | झांसी की रानी की समाधि पर |
2 | झांसी की रानी |
3 | सेनानी का स्वागत |
4 | वीरों का कैसा हो बसंत |
5 | राखी की चुनौती |
6 | राखी की लाज |
7 | जलियांवाला बाग में बसंत |
8 | विजयदशमी |
प्रमुख साहित्य संग्रह –
1 | कोयल |
2 | कदम का पेड़ |
3 | अजय की पाठशाला |
4 | मेरा नया बचपन |
5 | सभा का खेल |
6 | पानी और धूप |
प्रमुख अन्य रचनाएँ –
1 | आराधना |
2 | उपेक्षा |
3 | इसका रोना |
4 | अनोखा दान |
5 | पानी और धूप |
6 | ठुकरा दो या प्यार करो |
7 | कोयल |
8 | खिलौने वाला |
9 | कठिन प्रश्न की सामग्री |
सुभद्रा कुमारी चौहान को मिलने वाले पुरस्कार (subhadra kumari chauhan Awads)
सुभद्रा कुमारी चौहान साहित्य रचना और कहानी संग्रह किए विख्यात लेखिका थी इनकी रचनाएं हिंदी साहित्य के लिए धरोहर है इसलिए इन्हें कई पुरस्कारों और सम्मान से नवाजा गया था।
- सुभद्रा को 1948 में हिंदी साहित्य सम्मेलन की तरफ से काव्य संग्रह मुकुंद के लिए केसरिया पुरस्कार दिया गया था।
- हिंदी साहित्य सम्मेलन में इन्हें पुनः बिखरे मोती के लिए केसरिया पुरस्कार दिया था।
- भारतीय डाक विभाग द्वारा 1976 में सुभद्रा के नाम पर डाक टिकट जारी किया गया था।
- भारत में एक तटरक्षक जहाज का नाम 28 अप्रैल 2008 को सुभद्रा के नाम पर रखा था।
सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु (subhadra kumari chauhan Death)
जब सुभद्रा कुमारी चौहान नागपुर में शिक्षा विभाग की दवा के बाद 15 फरवरी 1948 को जबलपुर आ रही थी तो इनकी कार
सिवनी मध्य प्रदेश मैं एक कार से टकरा गई और इस घटना मैं इनकी मृत्यु हो गई।
इन्होंने अपना संपूर्ण जीवन अपने देश के लिए समर्पित कर दिया था इनकी इतनी प्रसिद्धि के कारण ही जबलपुर की नगर पालिका भवन की कार्यालय में 1949 में सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रतिमा को स्थापित किया गया था।
इनके नाम पर भारतीय तटरक्षक सेना ने 28 अप्रैल 2008 को तटरक्षक जहाज का नाम रखा था वर्ष 2021 में सुभद्रा की 170 वी जयंती पर गूगल ने एक डूडल बनाकर इन को सम्मानित किया था।
Q. सुभद्रा जी का प्रथम कहानी संग्रह कौन-सा है ?
सुभद्रा चौहान का प्रथम कहानी संग्रह बिखरे मोती था जो 1932 में प्रकाशित हुआ था
Q. सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कहां हुआ था?
सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त 1904, गांव निहालपुर, जिला इलाहाबाद हुआ था
Q. सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता का नाम क्या था?
सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता का ठाकुर रामनाथ सिंह चौहान था
Q. सुभद्रा चौहान के पति का नाम क्या था?
सुभद्रा चौहान के पति का नाम ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान था
आज आपने सीखा (subhadra kumari chauhan Biography in hindi)
दोस्तों इस लेख में हमने आपको सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन परिचय (subhadra kumari chauhan ka jivan parichay) के बारे में विस्तार से सभी जानकारी बताइए वह भारत की एक बहुत बड़ी कवित्री थी।
उन्होंने अपने जीवन में कठिन परिश्रम करके बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त की है उनके जीवन से जुड़े सभी संघर्षों की जानकारी किस आर्टिकल में हमने आपको बताइए।
आशा करते हैं दोस्तों हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप खुश होंगे इसी प्रकार और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करें और सभी जानकारी आप अपने मित्रों को जरूर शेयर करें धन्यवाद।
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