जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय, जाने कैसे बने देश के पहले प्रधानमंत्री| Jawaharlal Nehru Biography In Hindi
Jawaharlal Nehru ka jeevan parichay: नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के बारे में बताएंगे जो बच्चों के सबसे ज्यादा प्रिय थे और बच्चे प्यार से उन्हें चाचा कहकर बुलाते थेI
दोस्तों हम बात कर रहे हैं चाचा नेहरू की जिन्होंने भारत को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है नेहरू जी एक सच्चे देशभक्त थे उनके अंदर देश प्रेम कूटकूट कर भरा थाI
जवाहर लाल नेहरू जी के बारे में यह कहना उचित होगाI कि उन्होंने आधुनिक भारत का बहुत ही व्यापक पैमाने से विस्तार किया है और 200 साल पुरानी गुलामी की जंजीरों को तोड़ कर एक नए भारत का इतिहास रचा हैI
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने अपना शिष्य मानते थे यदि आप पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें I
Table of Contents
जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय (Jawaharlal Nehru Biography In Hindi)
नाम | पंडित जवाहरलाल नेहरू |
जन्म | 14 नवंबर 1989 |
जन्म स्थान | इलाहाबाद, उत्तर |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
पिता का नाम | मोतीलाल नेहरू |
माता का नाम | स्वरूप रानी नेहरू |
बच्चे प्यार से कहते थे | चाचा नेहरू |
भारत के | प्रथम प्रधानमंत्री |
मृत्यु | 27 मई 1964 |
बच्चे | इंदिरा गांधी |
जवाहरलाल नेहरू का जन्म (Jawaharlal Nehru Birth)
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 मैं इलाहाबाद के कश्मीरी वंश के सारस्वत संपन्न ब्राह्मण परिवार में हुआ था इनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू थाI जो कि एक बहुत ही प्रसिद्ध बैरिस्टर होने के साथ-साथ समाज सेवा का कार्य भी करते थेI
उनकी माता का नाम स्वरूप रानी था यह अपने पिता की पहली संतान थे इनकी दो बहने और भी थी इनकी बड़ी बहन विजयालक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र सभा की पहली महिला अध्यक्ष थीI
इनका बचपन बहुत ही शानदार तरीके से बीता था बचपन से ही निकला राजनीति से जुड़े लोगों का आना जाना लगा रहता था जिसका इन पर काफी प्रभाव पड़ाI
जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा (Jawaharlal Nehru Education)
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर से ही की क्योंकि उनका परिवार काफी संपन्न था और उन्होंने अपने घर पर ही अपने बेटे को सारी सुख सुविधाएं उपलब्ध करा दी थीI
15 साल की उम्र में पंडित जवाहरलाल नेहरु इंग्लैंड चले गए थे उन्होंने इंग्लैंड के हैरो स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की और कैंब्रिज कॉलेज में एडमिशन लियाI जहां से उन्होंने प्रकृतिक जीव विज्ञान से ग्रेजुएशन कियाI
जवाहरलाल नेहरू ने लंदन के टीटी कॉलेज से लड़की पढ़ाई की इंग्लैंड में इन्होंने अपने जीवन के 7 साल गुजारे उन्होंने आयरलैंड में हुए सिनफेन आंदोलन मेंगहरी रूचि दिखाई थीI
पंडित जवाहरलाल नेहरू का परिवार ( Jawaharlal Nehru Family)
नाम | पंडित जवाहरलाल नेहरू |
पिता का नाम | मोतीलाल नेहरू |
माता का नाम | स्वरूप रानी नेहरू |
पत्नी का नाम | कमला नेहरू |
बच्चे का नाम | इंदिरा गांधी |
पंडित जवाहरलाल नेहरू का वैवाहिक जीवन
इंग्लैंड से वापस भारत लौटने की 4 साल बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मार्च 1916 में दिल्ली में बस एक कमी परिवार की कमला कौल से शादी कर ली पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने दांपत्य जीवन में काफी खुशी थेI
उन्हें इस शादी से संतान भी हुई थीI जिसका नाम इन्होंने इंदिरा प्रियदर्शनी रखा था जिसका जन्म इनकी शादी के 1 साल बाद 1917 में हुआ थाI बाद में इनकी पुत्री प्रियदर्शनी इंदिरा ने भी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया थाI
इंदिरा अपने पिता को ही अपना पहला गुरु मानती थी और उन्होंने अपने देश के लिए जिस राजनीति को अपनाया थाI वह राजनीति बचपन मैं इंदिरा को पिताजी ने ही सिखाई थी कारण ही इंदिरा भी भारत को अत्यधिक प्रेम करती थीI
वह आजाद देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी जिस तरह उनकी पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत को आगे बढ़ाया उसी प्रकार इंदिरा गांधी ने भी अपने कार्य से देश को मजबूत बनाने के लिए कई योगदान दिएI
पंडित जवाहरलाल नेहरू का राजनीतिक सफर (Jawaharlal Nehru political Career)
भारत लौटने के बाद 1912 में नेहरू जी इलाहाबाद के हाईकोर्ट में बैरिस्टर के रूप में कार्य करने लगे और सन 1917 में वह होम रूल लीग के कार्यक्रमों से जुड़ गए इस कार्यक्रम की बात जब नेहरू जी 1919 में महात्मा गांधी से मिले तो उन्हें उनसे मिलकर काफी अच्छा लगाI
गांधी जी के विचारों ने नेहरू जी के ऊपर एक छाप छोड़ दी और उन्होंने गांधीजी के संपर्क में रहते हुए राजनीतिक ज्ञान प्राप्त करने लगेI महात्मा गांधी से मिलने के बाद ही नेहरू जी ने भारत की राजधानी की और अपना पहला कदम बढ़ाया था और राजनीति को इतने पास से देखा थाI
उसी साल 1919 में महात्मा गांधी सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया था और रोलेट अधिनियम के खिलाफ भी मोर्चा संभाल रखा थाI जिसके कारण नेहरू जी महात्मा गांधी यह काफी करीब हो गए और नेहरु जी का परिवार भी महात्मा गांधी द्वारा बताए गए मार्गों पर चलने लगाI
पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के पिता मोतीलाल नेहरू ने अपनी सारी संपत्ति को छोड़कर खादी के कपड़ों को पहनना शुरू कर दिया था जोकि सन 1920 -19 22 के बीच गांधी जी ने भी खादी पोशाक धारण कर ली थीI
इसके बाद नेहरू का परिवार और गांधीजी एक दूसरे के सुख दुख के साथी बन गए और इन लोगों का एक दूसरे के घर आना जाना भी बहुत होने लगा इनके परिवार में आपसी मेलजोल काफी बढ़ गया थाI
पंडित जवाहरलाल नेहरू जी पहली बार जेल इसीलिए गए थे क्योंकि उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया थाI इसके बाद उन्होंने 1924 में इलाहाबाद नगर निगम के अध्यक्ष के पद पर लगातार 2 वर्षों तक शहर के लोगों की सेवा की परंतु उन्हें यह काम पसंद नहीं आ रहा थाI
उन्होंने 1926 में इस पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि उनके जीवन का उद्देश्य किसी भी तरह अपने देश को आजाद कराना थाI वह किसी के बंधित में कार्य नहीं करना चाहते थेI
महात्मा गांधी समझ गए थे कि पंडित जवाहरलाल नेहरू देश का एक चमकता हुआ नेता हैI जो कि देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और जवाहरलाल नेहरू ने ठीक वैसा ही किया इन्होंने 1928 तक अखिल भारतीय कांग्रेस का गठन कर इस समिति के महासचिव बनेI
1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू के बतौर अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस का वार्षिक सत्र कार्यक्रम किया गया इस कार्यक्रम में दो तरह के लोगों का अलग-अलग दल बनाया गया जिसका समर्थन अलग-अलग तरीके से किया जा रहा थाI
प्रथम दल में नेहरू जी और सुभाष चंद्र बोस ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया तथा दूसरे दल में पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिताजी मोतीलाल नेहरू और उनके साथी नेताओं ने सरकार के अधीन होकर ही अपने देश की मांग की इन दो दलों की लड़ाई के बीच किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा थाI
क्योंकि सब अपनी अपनी मांगों का समर्थन चाहते थे तब महात्मा गांधी ने इन दोनों दलों की दलीलों को सुनने के पश्चात एक बीच का रास्ता निकाला उन्होंने कहा कि हम ब्रिटिश सरकार को 2 साल का समय देंगI
यदि ब्रिटिश सरकार इन 2 सालों में भारत को राज्य का दर्जा दे देगी तो हम किसी प्रकार की कोई लड़ाई नहीं करेंगेI
यदि ब्रिटिश सरकार ऐसा नहीं करती है या फिर कोई जवाब नहीं देती है तो कांग्रेश एक राष्ट्रीय स्तर पर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ेगीI परंतु सरकार ने तो किसी भी प्रकार का कोई जवाब ही नहीं दियाI
इस कारण जब कांग्रेस का दूसरा वार्षिक अधिवेशन 1929 में लाहौर में किया गया था तब वहां पर सभी नेताओं ने एक साथ अपने सुझाव दिएI
सभी ने पूर्ण स्वराज की मांग की और किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं हुआ क्योंकि सभी नेता यही चाहते थे इसीलिए किसी ने किसी का कोई विरोध नहीं कियाI
ब्रिटिश सरकार के जवाब ना देने की वजह से स्वतंत्रता सेनानियों में जोश की लहर दौड़ रही थी और 26 जनवरी 1930 में नेहरू जी ने स्वतंत्र भारत का तिरंगा लाहौर में फहराया और गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन का बड़ी जोर से चलायाI
जिसमें लाखों लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और आंदोलन इतना सफल रहा कि ब्रिटिश सरकार मजबूर हो गई और मजबूरी के कारण उसे किसी एक निर्णय को लेने के लिए झुकना ही पड़ाI
ब्रिटिश सरकार ने जब 1935 में भारत सरकार के अधिनियम का प्रस्ताव पारित कर दिया था तब कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया थाI परंतु पंडित जवाहरलाल नेहरू पार्टी के बाहर ही चुनाव का समर्थन करते रहेI
इसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेसी सरकार ने हर प्रदेश और राज्य में सबसे अधिक सरकार बनाकर भारी मतों से जीत हासिल की इस कारण से ही 1936 में कांग्रेस का अध्यक्ष नेहरू जी को चुना गयाI
महात्मा गांधी ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन चलाया जिसका समर्थन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया थाI इस कारण नेहरू जी 9 अगस्त 1942 में मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया थाI उन्हें अहमदनगर जेल में डाल दिया गयाI
परंतु महात्मा गांधी के प्रयास से उन्हें15 जून 1945 में जेल से रिहा किया गया और जेल से बाहर आने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में जब भारत और पाकिस्तान की आजादी के लिए लड़ाई की बातचीत चल रही थीI
उन्होंने इस बात को सुलझाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने अपने देश में एकता और अखंडता संप्रभुता को बनाए रखने के लिए कई बातें बताएंI
जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई किताबें
पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने थे उन्हें एक अच्छे नेता के साथ प्रभावशाली वक्ता भी कहा जाता है वह एक अच्छे लेखक भी माने जाते हैं उनके द्वारा अपनी कलम से कई किताबें लिखी गई हैI
जो आज भी पूरे भारत में प्रसिद्ध है लोग उनके द्वारा लिखी गई किताबों को पढ़ने के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित रहते हैं आइए जानते हैं उन्होंने अपने जीवन में कौन-कौन सी किताबें लिखी हैI
1 | सोवियत रूस |
2 | भारत और विश्व |
3 | दुनिया के इतिहास का ओझरता दर्शन 1939 |
4 | विश्व इतिहास की एक झलक |
5 | डिस्कवरी ऑफ इंडिया इस किताब को लिखने के कारण नेहरू जी को जेल जाना पड़ा था |
पंडित जवाहरलाल नेहरू चुने गए देश के प्रथम प्रधानमंत्री ( India first Prime minister Jawaharlal Nehru)
1947 में जब हमारा देश आजाद हो गया तब उस वक्त कांग्रेश पार्टी मैं प्रधानमंत्री के पद को लेकर चुनाव किए गए और इन चुनावों का नतीजा यह हुआ कि आचार्य कृपलानी और सरदार वल्लभभाई पटेल को सबसे ज्यादा बहुमत प्राप्त हुआI
परंतु गांधीजी चाहते थे कि भारत का पहला प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बने इसलिए उन्होंने सभी लोगों से हाथ जोड़कर आग्रह कियाI
सभी लोगों ने गांधी जी की बात को बिना किसी बहस के मान लिया और आजाद भारत का प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को बनाया गयाI
भारत को आजादी के बाद सही ढंग से गठित कर एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए नेहरू जी ने बहुत ही शिद्दत और मेहनत से काम किया वह चाहते थे कि उनके नेतृत्व में कोई भी ऐसा कार्य ना हो जिससे कि भारत की नीव पर कोई असर पड़ेI
उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बहुत से ऐसे काम किए और नए भारत का निर्माण आर्थिक रूप से मजबूत बनायाI पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक संगठन का निर्माण कर शांति से गुटनिरपेक्ष आंदोलन चलायाI
इन्होंने चीन और पाकिस्तान से मित्रता का संबंध बनाने के लिए बहुत मेहनत की परंतु इनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया और वह इस काम में कामयाब ना हो सके इसके लिए उन्हें काफी पछतावा भी थाI
पंडित जवाहरलाल नेहरू से संबंधित कुछ रोचक जानकारी (Jawaharlal Nehru important Information)
पंडित जवाहरलाल नेहरु बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करते थे और सभी बच्चे प्यार से इन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे चाचा नेहरू को गुलाब के फूल बहुत पसंद थेI गुलाब के फूलों को वह हमेशा अपनी शेरवानी में लगाकर रखते थेI
इनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में 14 नवंबर को मनाया जाता है पंडित जवाहरलाल नेहरू डिस्कवरी ऑफ इंडिया के विख्यात रचयिता भी माने जाते हैं I
वह अपनी बेटी इंदिरा को हमेशा समझाते थे कि बच्चे भगवान का रुप होते हैं और उनमें हमें किसी भी प्रकार का कोई भेज नहीं करना चाहिएI अपने पिता के इस व्यवहार से इंदिरा बहुत खुश थी और वह हमेशा बच्चों के साथ खेला करती थीI
भारत की लड़ाई की राजनीति उन्होंने काफी करीब से देखी हैI इस कारण मैं अपने पिता को अपना गुरु मानती है और भारत के लिए उन्होंने भी अहम कदम उठाकर देश को आगे बढ़ाने में साथ दिया हैI
पंडित लाल नेहरू को मिले सम्मान (Jawaharlal Nehru awards)
पंडित जवाहरलाल नेहरू को 1955 में भारत सबसे बड़े पुरस्कार भारत रत्न से राष्ट्रपति के द्वार नवाजा गया थाI
पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु (Jawaharlal Nehru Death)
पंडित जवाहरलाल नेहरू चाहते थे कि अपने पड़ोसी देश से हमारे संबंध अच्छे बने रहे परंतु वह जैसा सोचते थे वैसा हुआ नहीं पाकिस्तान के साथ कश्मीर को लेकर हमेशा लड़ाई झगड़े होते रहते थेI और हमेशा तनाव बना रहता थाI
इसी बीच 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया तो इस बात से पंडित जवाहरलाल नेहरू को एक बहुत बड़ा सदमा लगा और वह इस बात को कभी भुला नहीं पाए उन्होंने लाखों को दूसरे की परंतु पड़ोसी देशों से उनके संबंध अच्छे ना हो सकेI
27 मई 1964 के दिन दिल का दौरा पड़ने के कारण पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन हो गया और एक दिन भारत ने अपने सच्चे सपूत को खो दियाI जिसने उसे आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीI
उनका निधन भारत देश के लिए एक बहुत बड़ी हानी थी जिसकी पूर्ति किसी भी प्रकार से नहीं किया सकती थी पंडित जवाहरलाल नेहरू को देश के स्वतंत्रता सेनानियों और एक महान नेता के रूप में हमेशा याद किया जाता हैIउनकी याद में भारत सरकार ने बहुत सी योजनाओं का प्रारंभ कियाI
उनके नाम से जवाहरलाल नेहरू स्कूल जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल और उनके नाम के आधार पर कई सड़कें भी बनवाई गई और इन सब को उनके सम्मान के रूप में स्थापित किया गयाI
Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ था?
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था
Q. पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु कब हुई थी?
पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु 27 मई 1964 में हुई थी के कारण पूरे भारत में राजकीय शोक माना था
Q. जवाहरलाल नेहरू कितने साल तक प्रधानमंत्री रहे थे?
जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 17 साल तक इस पद पर कार्यरत रहे है
Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू कौन से नंबर के प्रधानमंत्री थे
आजाद भारत के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए
Q. पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे प्यार से क्या नाम से बुलाते थे?
पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे चाचा नेहरू के नाम से बुलाते थे
अंतिम शब्दों में
दोस्तों इस लेख में हमने आपको भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन ( Jawaharlal Nehru Biography In Hindi ) से जुड़ी कई सारी बातों को बताया है कि कैसे उन्होंने भारत का एक सच्चा नागरिक होने का फर्ज निभाया है और फर्ज निभाते हुए उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ाI
परंतु उन्होंने कभी किसी से कोई शिकायत नहीं की है और मुस्कुराते हुए हर बाधा का सामना किया जिसका परिणाम यह हुआ कि हमारा देश आजाद हुआI
उन्हें इस आजाद देश का प्रधानमंत्री बनाया गया यदि आपको यह लेख ( jawaharlal Nehru Ka jeevan parichay ) पसंद आया हो तो आपके दोस्तों और मित्रों को जरूर शेयर करेंI
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