Amogh Lila Prabhu Biography in Hindi – अमोघ लीला प्रभु जी का जीवन परिचय
Amogh Lila Prabhu Biography in Hindi: नमस्कार दोस्तों आज की भागदौड़ भरी दुनिया में सभी युवा चाहते हैं कि वह अधिक से अधिक पैसा किस तरह कमाए जिससे कि वह लोगों के बीच अपना नाम कमा सके और अपने जीवन को आराम से गुजार सके।
परंतु आज इस लेख में हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिसने पूरी दुनिया के ऐसो आराम को त्याग दिया है और अध्यात्म का रास्ता चुन लिया है वर्तमान समय में लोगों को अध्यात्म के मार्ग पर कैसे चलना है उसके लिए वह लगातार लोगों को प्रेरित करते हैं।
जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं Amogh Lila Prabhu की जो कि अपनी बोलने की कला की वजह से बहुत ज्यादा प्रचलित होते जा रहे हैं। यदि हम इनके पहनावे की बात करें तो यह बहुत ही साधारण व्यक्ति है और साधु संत जैसी पहनावा पहनते हैं साधु होने के बाद भी लोग इनकी और इसलिए खींचे चले आते हैं।
क्योंकि इनकी बोलने की सैलरी बहुत ही आकर्षक है इसीलिए है युवाओं के लिए आइडल बनते चले जा रहे हैं और कई युवा जानना चाहते हैं कि आखिर इतनी कम उम्र में इन्होंने संत बनने का फैसला कैसे ले लिया।
तो चलिए आज जानते हैं इस लेख के माध्यम से Amogh Lila Prabhu Biography in Hindi,Amogh Lila Prabhu Kon hai, इनका जन्म परिवार वैवाहिक स्थिति कैरियर और संत बनने का रहस्य इस लेख में हम आपको इनके जीवन के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे अतः इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
Table of Contents
Amogh Lila Prabhu Biography in Hindi – अमोघ लीला प्रभु जी का जीवन परिचय
नाम | श्री आशीष अरोड़ा |
वास्तविक नाम | श्री अमोघ लीला प्रभु |
अन्य नाम | महा योगी जी |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
जन्म | 19 जुलाई सन 1980 |
जन्म स्थान | लखनऊ |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
वर्तमान निवास | नई दिल्ली |
कार्यकाल | 2005- 2006 |
लोकप्रियता का कारण | कृष्ण लीला वचन और द्वारका मंदिर के उपाध्यक्ष |
उम्र | 42 साल |
work | मोटिवेशनल स्पीकर |
शिक्षा | सॉफ्टवेयर इंजीनियर |
कुल संपत्ति | दो लाख प्रति माह |
अमोघ लीला प्रभु कौन है (Amogh Lila Prabhu Kon hai)
यह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपनी ज्ञान और भागवत गीता के द्वारा नौजवानों को अध्यात्म के राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और वर्तमान समय में द्वारिका के इस्कॉन मंदिर के उपाध्यक्ष हैं।
इस्कॉन मंदिर द्वारा पूरे विश्व में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार किया जा रहा है और चार संप्रदाय वैसे एक संप्रदाय माधवा चार संप्रदाय है जिसके अंतर्गत इस्कॉन मंदिर आता है।
इस मंदिर से जुड़ जाता है वह कृष्ण भक्ति में लग जाता है और लगातार भगवान के नाम का जप करता है इस संस्था के द्वारा व्यक्ति स्वयं ही अपनी मर्जी से इस धर्म को स्वीकार कर लेता है।
भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताए गए बातों पर चलकर मैं अपने जीवन मैं सही रास्ता चुनकर बढ़ता चला जाता है यदि वह इस्कॉन धर्म में बताने वाली सभी बातों को पालन करता है।
तो उसकी इच्छा शक्ति इतनी मजबूत हो जाती है कि वह जो चाहता है उसे करने मुझे किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है यह बहुत अच्छे मोटिवेशनल स्पीकर भी है जो युवाओं को अपने जीवन में सही मार्ग चुनने के लिए प्रेरित करते हैं।
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अमोघ लीला प्रभु का वास्तविक ना नाम (Amogh Lila Prabhu Real Name)
अमु लीला प्रभु का जन्म एक पंजाबी परिवार में हुआ था और उनका रियल नाम आशीष अरोड़ा है
अमोघ लीला प्रभु का जन्म (Amogh Lila Prabhu Birth)
लीला प्रभु का जन्म भारत के राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 जुलाई 1980 के दिन 1 पंजाबी परिवार में हुआ था और वर्तमान में वह वह एक भारतीय संत हैं।
बचपन से ही उन्हें धार्मिक ग्रंथों से बहुत लगाव था और मात्र 5 साल की उम्र में वह अध्यात्म और भक्ति की ओर खींचते चले जा रहे थे एक इंटरव्यू के दौरान अमोग लाल प्रभु ने बताया कि उनके घर में बचपन से ही भजन किए जाते थे।
जब उनके घर में बिजली चली जाती थी तो वह स्वयं भी उन भजनों में हरिओम तथास्तु मंत्र को बोलते थे और पूरा परिवार इस कार्यक्रम में उनके साथ रहता था।
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अमोघ लीला प्रभु का परिवार (Amogh Lila Prabhu Family)
अमोघ लाल प्रभु के माता पिता के नाम के बारे में इंटरनेट पर अभी तक कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है इनके पिता रॉ एजेंसी में ऑफिसर हैं जो किया रिटायर हो चुके हैं और दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ रहते हैं।
उनके पिता रो एजेंसी में काम करते थे इस बात की जानकारी अमोघ लीला प्रभु ने स्वयं ही इंटरव्यू के दौरान कही थी।
उन्होंने सिटी मीडिया को बताया था कि उनकी दो बहने भी हैं जिनकी शादी हो चुकी है मैं अपने माता-पिता की एकलौती पुत्र संतान है और अब वह आजीवन इस्कॉन मंदिर में ब्रह्मचारी बन गए हैं।
अमोघ लाल प्रभु की शिक्षा (Amogh Lila Prabhu Education)
इस्कॉन मंदिर के उपाध्यक्ष हैअमोघ लाल प्रभु का जन्म वैसे तो लखनऊ में हुआ था परंतु उनके पिता रो एजेंसी में ऑफिसर थे इस कारण उनकी पोस्टिंग कई जगहों पर होती रहती थी।
इस कारण अमुक प्रभु ने अपनी पढ़ाई किसी एक जगह से पूरी नहीं की इन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई आइजोल गंगतोक दार्जिलिंग के स्कूलों से प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिए उनका परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया इस तरह उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की थी।
इसके बाद सन 2000 में कक्षा 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद वह भगवान को ढूंढने के लिए अपने घर से भाग गए और करीब 4 महीने तक घर नहीं आए। इसके बाद उनके पिताजी ने उन्हें समझाया और घर आकर वह पढ़ाई करने लगे।
2004 में उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त कर ली और इन्होंने अपना ग्रेजुएशन 89 परसेंटेज नंबरों से पास किया था इस कारण यूनिवर्सिटी ने इनसे कहा कि आप बिना किसी इंटरेस्ट एग्जाम के मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हो पर उन्होंने मना कर दिया।
मास्टर डिग्री नहीं कि 2004 में ही इन्हें सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरीअमेरिकन आधारित मल्टीनेशनल कंपनी मैं मिल गई और 2010 तक इन्होंने इस नौकरी मैं काम करके मैनेजर की पोस्ट प्राप्त कर ली थी।
इस बीच के मन में ईश्वर के प्रति लगाव बढ़ता जा रहा था और 2010 में मात्र 29 साल की उम्र में इन्होंने जन्माष्टमी के दिन इस्कॉन मंदिर में जाकर हमेशा के लिए ब्रह्मचारी बनने का फैसला ले लिया।
अमोघ लीला प्रभु की शुरुआती शिक्षा | लखनऊ उत्तर प्रदेश |
माध्यमिक शिक्षा | दिल्ली |
हाई स्कूल शिक्षा | दिल्ली |
स्कूल समाप्ति तिथि | सन दो हजार |
स्नान तक शिक्षा | सॉफ्टवेयर इंजीनियर |
अन्य उपाधि | मोटिवेशनल स्पीकर |
अमोघ लाल प्रभु को लड़कियों ने किया प्रपोज
सिटी मीडिया के इंटरव्यू में बात करते हुए अमोग लाल प्रभु ने बताया किअध्यात्म की राह पर चलने से पहले स्कूल कॉलेज मैं जब वह पढ़ाई करते थे।
तो कई लड़कियों ने उन्हें प्रपोज किया परंतु उनकी रूचि बचपन से ही अध्यात्म की ओर थी इसलिए वह उनकी बातों पर गौर ना करते हुए किसी भी लड़की से हां नहीं बोला है।
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अमोघ लीला प्रभु जी का वैवाहिक जीवन (Amogh Lila Prabhu Marriage)
जब भी कोई व्यक्ति अमोघ लाल प्रभु जी के जीवन के बारे में जानकारी लेना चाहता है तो उसके मन में यही सवाल आता है कि इनकी पत्नी है या नहीं और उन्होंने अभी तक शादी की है या नहीं।
तो हम आपको बता दें कि इन्होंने शादी नहीं की है और इनकी कोई पत्नी नहीं है वह भविष्य में भी शादी नहीं करेंगे क्योंकि उन्होंने संपूर्ण रूप से साधु के जीवन को अपना लिया है और अपने संपूर्ण जीवन को भगवान श्री कृष्ण को समर्पित कर दिया है।
एक बार जब उनके घर में कोई बड़े ज्योतिष पंडित आए थे तब उन्होंने इनके माता-पिता को बता दिया था कि आपका बेटा बड़ा होकर एक बहुत बड़ा संत बनेगा और उसकी बातों को सुनकर हजारों लोग अपने जीवन की सही मार्ग दर्शन प्राप्त करेंगे।
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अध्यात्म की ओर अमोघ दास प्रभु कैसे आए (Amogha Das Prabhu come towards spirituality)
अमोघ लीला प्रभु अपनी माता-पिता के इकलौते संतान थे इस कारण उनके माता-पिता उन्हें बहुत प्यार करते थे और घर से जब भी बाहर जाते थे तो उन्हें अपने साथ लेकर जाते थे रास्ते में उन्हें कोई भी मंदिर या मस्जिद चर्च दिखाई देता था।
तो वह उसके सामने खड़े होकर नतमस्तक होकर जय का उच्चारण करते थे जब उनकी इस तरह की आदतों को उनकी मां उन्हें बताती है तो वह बहुत ही आश्चर्य चकित हो जाते हैं। क्योंकि उस उम्र में बच्चे को पता ही नहीं होता है कि मंदिर मस्जिद या चर्च होते क्या है और अमोघ लीला प्रभु को भी किसी ने यह नहीं बताया था कि यहां सिर झुकाना चाहिए।
अमोघ ली ला प्रभुका मानना है कि पूर्व जन्म के संस्कारों के आधार पर ही धर्म के प्रति इतने झुके हुए हैं और उन्हें अध्यात्म से इतना लगाव है। वे कहते हैं कि जब मैं कक्षा सातवीं में पढ़ता था तो मेरी पुस्तक में भागवत गीता के 7 श्लोक दिए गए थे और पूरा अर्थ भी दिया गया था।
इस श्लोक में से एक श्लोक मन के ऊपर आधारित था उसमें बताया गया था कि मन बहुत चंचल होता है और बहुत बलवान होता है। इसके आधार पर कुछ भी किया जा सकता है यह किसी की सुनता नहीं है जैसे ही अमोघ लीला प्रभु ने इसको पढ़ा तो वह कहने लगे।
यह तो मेरे मन की बात है क्योंकि मेरा मन भी बहुत चंचल है और किसी की सुनता भी नहीं है इस तरह उन्होंने अपनी टीचर से पूछ बैठे कि इसमें मेरे मन की बात क्यों बताई जा रही है इन्हें कैसे पता चला कि मेरा मन भी ऐसा ही है।
तब उनकी टीचर ने उन्हें बताया कि यह गीता के श्लोक हैं गीता में संपूर्ण मानव जाति को सही राह पर चलने के लिए बातें बताई जाती है अभी तो तुम्हारे चैप्टर में केवल 7 श्लोक ही आए हैं और पूरी गीता जी में 700 से ज्यादा अधिक श्लोक हैं।
अमोघ लीला प्रभु की जिज्ञासा बढ़ती चली गई और वह सोचने लगे कि केवल गीता के 7 श्लोक से मेरे जीवन का आधा सच सामने आ गया यदि मैं पूरी गीता पढ़ लूंगा तो मेरा पूरा जीवन ही बदल जाएगा और तुरंत उन्होंने गीता पढ़ने का निर्णय ले लिया।
जैसे ही उन्होंने गीता के बारे में विस्तार से जाना तो अध्यात्म की और उनका झुकाव बढ़ते चला गया और भगवान श्री कृष्ण द्वारा कही गई बातों को ही अपना जीवन बना लिया।
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अमोघ लीला प्रभु के जीवन का संघर्ष (Amogh Lila Prabhu Struggle)
12 वीं कक्षा की पढ़ाई के बाद ही यह हरे कृष्णा संता से जुड़ गए थे और जब वह ग्रेजुएशन कर रहे थे तो इस्कॉन मंदिर के लोगों के संपर्क में रहते थे और वह हमेशा संसार के विकारों से दूर रहने के लिए आध्यात्मिकता पर बातें करते थे।
इसके कारण लोग उनका मजाक उड़ाया करते थे और कहते थे इन सब में कुछ नहीं रखा है तू इतना सुंदर है इस समय किसी भी लड़की का हाथ पकड़ ले वह तेरी हो जाएगी तू माला लेकर घूम रहा है।
परंतु इन सभी बातों का उनके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ा परंतु उस समय इनकी जीवन का सबसे संघर्षमय में पल था क्योंकि लोगों की ऐसी बातों को झेलना बहुत कठिन हुआ करता था।
अमोघ लीला प्रभु के गुरु कौन हैं (Amogh Lila Prabhu ke Guru kon hai)
अनूप दास प्रभु ने जैसे ही श्री लाल प्रभुपाद जी की भगवत गीता को पढ़ना शुरू किया तो वह सोचने लगे कि मैं इन्हें ही अपना गुरु बना लूंगा और इनसे ही गुरु दीक्षा लूंगा परंतु अमोदा मैं जब आध्यात्मिक को अपने जीवन का हिस्सा बनाया।
उससे पहले ही श्रीलाल प्रभुपाद जी ने अपना शरीर त्याग दिया था इस कारण अनूप दास जी ने परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी से 2006 में ईस्ट ऑफ कैलाश में दीक्षा ले ली और उनके प्रिय शिष्य बन गए।
अमोघ लीला प्रभु ने इस्कॉन को ही क्यों अपनाया
अनोपदास इस्कॉन धर्म से जुड़ने के तीन कारण बताते हैं।
- भागवत गीता से उन्हें बहुत लगाव है इसमें जीवन के बारे में संपूर्ण जानकारी अर्थ सहित दी है।
- भगवान को धन्यवाद बोलना हैं।
- अमोघ लीला प्रभु मानते हैं कि लोग धन दौलत पैसा गाड़ी परिवार पाकर बाहरी दुनिया मैं खुश हो जाते हैं। परंतु वह अपने मन में हमेशा ही दुखी रहते हैं यदि वह अपने अंदर से खुश होना चाहते हैं तो उन्हें दूसरों की सेवा करनी चाहिए।
- जैसे ही वह एक बार इस्कॉन मंदिर में पहली बार गए तो उन्होंने इस बात को महसूस किया कि यहां पर इन तीनों चीजों की पूर्ति हो जाएगी और साथ ही यहां पर भागवत गीता भी पढ़ने को मिलेगी।
- इसलिए उन्होंने सोच लिया था कि मैं इस्कॉन से जोड़कर सदा के लिए ब्रह्मचारी बनकर यहीं रहूंगा।
इस्कॉन मंदिर क्या है (Iskon mandir kya hai)
दोस्तों यदि हम इस्कॉन मंदिर की बात करें तो यह एक ऐसी संस्था है जो संपूर्ण रूप से भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है इस संस्था के द्वारा जो भी श्री कृष्ण के मंदिर बनवाए जाते हैं उन्हें इस्कॉन मंदिर कहा जाता है।
इसका पूरा नाम इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्ण कॉन्शसनेस है यदि हम हिंदी में इसका अर्थ समझे तो अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावना मृत संघ है।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इस्कॉन मंदिर केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं। स्वामी प्रभुपाद जी द्वारा साल 1996 में अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी में एक इस्कॉन मंदिर पहली बार स्थापित किया गया था और भारत देश का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु शहर में स्थित है।
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अमोघ लीला प्रभु जी जब ब्रह्मचारी बन गए तो उनके माता-पिता की प्रतिक्रिया
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा बड़ा होकर उनका नाम रोशन करें इसीलिए वह अपने बच्चे की कुंडली बनवाते हैं ऐसे ही उनके माता-पिता ने भी किया और ज्योतिष द्वारा बताया गया कि यह बच्चा भविष्य में जाकर बहुत बड़ा संत बनेगा।
भगवान को ढूंढने के लिए 18 से 20 वर्ष की उम्र में घर से भाग जाएगा जब 2010 में इनके माता-पिता को पता चला कि उनका बेटा जो एकलौता है वह अब संत बनने जा रहा है तो वह बहुत दुखी हुए।
परंतु पर है इस बात को पहले से ही जानते थे कि यह बड़ा होकर संत बनेगा तो धीरे-धीरे वह अपने मन को समझा दे रहे और वह अपने बच्चे अमोघ दास पर बहुत ज्यादा गर्व करते हैं कि वह समाज के उत्थान के लिए हमेशा सेवाभाव से काम कर रहे हैं और समाज को एक नई दिशा दे रहे हैं।
यदि हम बात करें उनकी माता की तो वह स्वयं भी इस्कॉन मंदिर में सेवा करती हैं जब उनके रिश्तेदारों को पता चला कि वह संत बन गया है तो वह उनसे कहते थे कि देख साधु संत बनने में कुछ नहीं रखा है।
साधु संत बहुत बदमाश होते हैं तो इन सब चक्कर में मत पड़ना तू इतना सुंदर है कोई भी लड़की जो तुझे पसंद हो उससे शादी करके अपना जीवन यापन कर यह बहुत ही साधारण सजीवन है भगवान श्री कृष्ण ने भी तो शादी की थी।
जब वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे तो उनके ऑफिस के लोग भी इस बात को समझ गए थे कि यह बहुत ही अलग टाइप का लड़का है साधारण नहीं है आगे जाकर कुछ ना कुछ तो बहुत बड़ा करेगा।
वह कहते हैं कि पिछले जन्म में संस्कार बहुत अच्छे थे इसलिए मेरा जीवन अध्यात्म से शुरू हुआ और वह मानते हैं कि मैंने पिछले जन्म में जो छोड़ दिया था वहीं से मेरी यात्रा शुरू हुई है।
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अमोघ लीला दास प्रभु को इस्कॉन मंदिर से किया प्रतिबंधित
अमोघ लीला दास प्रभु ने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरुगुरु रामकृष्ण परमहंस पर कुछ विवादित टिप्पणी कर दी थी इसके कारण इस्कॉन कमेटी के सदस्यों द्वारा उन्हें इस्कॉन से 1 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।
अमोघ लीला प्रभु हमेशा अध्यात्मिक की बातें करते हैं
अमोघ लीला प्रभु स्कूल और ऑफिस में नौकरी करते थे तो वह हमेशा लोगों को और अपने दोस्तों को किसी की चुगली और ईर्ष्या करने से मना करते थे जो भी नशा धूम्रपान या मांसाहार करता था उन्हें छोड़ने के लिए कहते थे।
वह कहते थे खुश रहो अपने जीवन में जैसे ही उन लोगों को पता चला कि अनूप दास जी संत बन गए हैं तब वह बहुत खुश हुए और उन्हें अपने दोस्त पर गर्व हुआ जिस कंपनी में अमोघ लीला प्रभु जी ने काम किया है।
उसके बॉस वर्तमान समय में भी टेंपल मंदिर से जुड़े हुए हैं और अपने कंपनी के एम्पलाई पर उन्हें बहुत गर्व है
और बहन की बहुत तारीफ भी करते हैं अमोघ लीला प्रभु के जीवन में जितने भी लोग मिले उनसे हमेशा खुशी रहते हैं और उन पर गर्व करते हैं।
अमोघ लीला प्रभु सब को हंसाते क्यों हैं (Why does God make everyone laugh)
इनका कहना है कि समाज में हमेशा एक संत को गंभीर रूप से देखा जाता है परंतु ऐसा नहीं है संत होना या भक्ति करने के लिए गंभीर होना जरूरी नहीं है और ना ही इसका अर्थ यह होता है कि हम हंसना ही भूल जाएं व्यक्ति अपनी आध्यात्मिक जीवन को लेकर गंभीर होना चाहिए।
जब भी वह भगवान का नाम जप करें यह गीता का पाठ करें तो वह गंभीर रहे घर परिवार समाज से हंसना बोलना बंद क्यों करें भाई आध्यात्मिक जीवन भी तो एक सुखद जीवन है। इस जीवन को जीने वाला हमेशा प्रसन्न रहता है और जो लोग भी इसके संपर्क में आते हैं उनका जीवन भी खुशहाली से भर जाता है।
भक्ति का सबसे बड़ा उद्देश्य ही होता है कि भक्त अपने जीवन में परम सुख और शांति को प्राप्त कर ले और हमेशा खुश रहें और दूसरों को भी खुशी दे।
मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिक की क्या जरूरत है
प्रभु का कहना है कि जब संत बनने का निर्णय लिया तो उनके माता-पिता दोस्त रिश्तेदार और समाज के सभी लोगों ने समझाया कि तुम अपने माता पिता की इकलौती पुत्र संतान हो तुम्हारे द्वारा ही इनका बंश बढ़ेगा और तुम शादी कर लो।
हर एक इंसान की तरह सामान्य जीवन जियो अध्यात्म से जुड़ कर कुछ हासिल नहीं कर पाओगे तो मैं इसकी जरूरत नहीं है यह सब कुछ कम मात्रा मे करना चाहिए।
परंतु यदि सत्यता के आधार पर देखा जाए तो हर इंसान को अध्यात्म की जरूरत होती है वर्तमान समय में लोग पैसा पावर सुंदरता मैं फंसकर अपने जीवन का कीमती समय यूं ही बर्बाद कर रहे हैं।
यथार्थ में उनका पूरा जीवन खोकला होता है किसी भी तरह की खुशी होती ही नहीं है वह अपने खोखले पन को रात में पार्टी करके दारु सिगरेट पीकर भूलने की कोशिश करते हैं। परंतु उन्हें पता नहीं है इसको खोखले पन को वह भगवान की भक्ति करके भर सकते हैं परंतु जो सही समय पर इन बातों को समझ जाता है ईश्वर की भक्ति में लग जाता है।
अमोघ लीला प्रभु कहते भक्ति क्यों करना चाहिए
दुनिया की चीजों का इस्तेमाल करके केवल हम स्थाई सुख को प्राप्त कर सकते हैं परंतु यदि हम अपने जीवन में स्थाई आनंद को पाना चाहते हैं तो हमें भगवान की भक्ति करनी चाहिए जो कुछ भी बाहर से हमें सुख प्रदान करता है।
जैसे कि अच्छा खाना खा लेना सुंदर चीजों को देखना किसी अच्छी स्त्री के संपर्क में रहना यह सभी केवल हमारी इंद्रियों को प्राप्त कर सकता है परंतु इससे हमारे मानसिक सुख की कोई कल्पना नहीं की जा सकती है।
क्योंकि थोड़ी देर बाद फिर वही दुख हमारे जीवन में आ जाता है परंतु जब कोई व्यक्ति अध्यात्म की राह पर चलता है और ईश्वर से जुड़ जाता है तो उसके जीवन में हमेशा के लिए सुख शांति आ जाती है।
अमोघ लीला प्रभु की कुल संपत्ति (Amogh Lila Prabhu Net worth)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमोघ लीला प्रभु का कोई भी पर्सनल अकाउंट नहीं है और वह पैसों के लिए कुछ भी नहीं करते हैं वह अपनी इच्छा से कॉलेज और सेमिनार में भाषण देते हैं।
जिससे युवा का जीवन सही दिशा में अग्रसर हो सके जो कंपनी सामाजिक कार्य में लगी है इनके द्वारा उन्हें चैरिटी देने की रिक्वेस्ट की जाती है।
अमोघ लाल प्रभु के विवाद (Amogh Lila Prabhu Controversy)
आप इस बात को जानकर असमंजस में पड़ गए होंगे कि यह भी भला विवाद में पड़ सकते हैं तो जी हां इनका नाम विवादों में तब आया जब इन्होंने ज़ी न्यूज़ zee news tv चैनल पर संपूर्ण भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बातचीत शुरू कर दी और उनके पहले इंटरव्यू में ही इन्होंने संपूर्ण भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए सहमति दे दी थी और कुछ बातें कहीं।
वर्तमान समय में आप जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार के नाम से जानते हैंऔर वह विवाद में पड़ गए थे उनका नाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री है और अमोघ लीला प्रभु इन्हें बहुत ज्यादा सपोर्ट करते हैं।
वह कहते हैं कि वीरेंद्र शास्त्री के साथ उनका हमेशा समर्थन रहेगा यदि वह किसी को गुमराह नहीं कर रहे हैं और सनातन धर्म के लिए काम कर रहे हैं।
अमोघ लीला प्रभु के घर का पता (Amogh Lila Prabhu Address)
वर्तमान समय में अमोघ लीला प्रभु इन जगहों पर रहते हैं।
- अमोघ लीला प्रभु का निवास स्थान एडिशनल ब्लू होटल के पास द्वारका दिल्ली प्लॉट नंबर 4 सेक्टर 13
- पिन कोड- 110075\ इंडिया
अमोघ लीला प्रभु सोशल मीडिया अकाउंट (Amogh Lila Prabhu Social media Accounts)
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Q. अमोघ लीला प्रभु जी कौन है?
अमोघ लीला प्रभु एक मोटिवेशनल स्पीकर और आध्यात्मिक गुरु है.
Q. अमोघ लीला प्रभु जी का असली नाम क्या है?
अमोघ लीला प्रभु जी का असली नाम श्री आशीष अरोरा है.
Q. अमोघ लीला प्रभु जी की उम्र कितनी है?
अमोघ लीला प्रभु जी की उम्र 42 है
Q. अमोघ लीला प्रभु जी वर्तमान में कहां रहते हैं?
अमोघ लीला प्रभु जी वर्तमान में delhi रहते हैं
Q. अमोघ प्रभु का जन्म कब और कहां हुआ था?
अमोघ प्रभु का जन्म सन् 1990 लखनऊ हुआ था
आज आपने सीखा – Amogh Lila Prabhu Biography in Hindi
दोस्तों आज के इस लेख में हमने आपको Amogh Lila Prabhu के जीवन से जुड़ी सभी जानकारी विस्तार से बताई है वह कृष्ण भक्ति में विश्वास करने वाले इस्कॉन मंदिर से जुड़े एक ऐसे संत हैं.
जिन्हें पूरे भारत में मोटिवेशनल स्पीकर के नाम से जाना जाता है अमोघ लीला प्रभु के द्वारा बताए गए कई बातों से लोगों के जीवन में बदलाव देखने को मिले हैं.
हमने इस लेख में Amogh Lila Prabhu Biography in Hindi जुड़ी सभी जानकारी साझा की है आशा करते हैं दोस्तों हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप खुश होंगे इसी प्रकार और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करें और यह सभी जानकारी अपने मित्रों को जरूर शेयर करें.
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