राजा भैया के जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां | Raja Bhaiya Biography in Hindi

Raja Bhaiya Biography in Hindi

राजा भैया का जीवन पर, जन्म, परिवार, शिक्षा, करियर, राजनीति में संघर्ष, शादी, (Raja Bhaiya Biography in Hindi, Raja bhaiya ka jeevan parichay,Education, Birth, Career, politics Career, Marriage)

Raja Bhaiya Biography in Hindi; नमस्कार दोस्तों आज इस लेख में हम आपको चर्चित नाम रघुराज प्रताप सिंह ( राजा भैया) के बारे में बताने जा रहे हैं वर्तमान समय में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और समाचार चैनलों पर राजनीतिज्ञ राजा भैया जोकि प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा शिव से दावेदार हैं चर्चा में बने रहते हैं। 

इन्हें राजा भैया के नाम से ही पहचाना जाता है जबकि इनका असली ना रघुराज प्रताप सिंह है यह किसी के लिए मसीहा बने हुए हैं तो किसी के लिए अत्याचारी ,परंतु असलियत क्या है।

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यह तो इस लेख को पढ़ने के बाद ही आप समझ पाएंगे लेकिन हम आपको बताएंगे राजा भैया कहां रहते हैं कौन हैं और किस पार्टी से संबंध रखते हैं। यदि आप इस महान शख्सियत राजा भैया के जीवन के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

Table of Contents

राजा भैया का जीवन परिचय | Raja Bhaiya Biography in Hindi 

नामरघुराज प्रताप सिंह
उपनामराजा भैया
राजनीतिक पार्टीनिर्दलीय
जन्म31 अक्टूबर 1968
जन्म स्थानकुंडा, प्रतापगढ़ भारत
नगरकुंडा, प्रताप गढ़
पिता का नामराजा उदय प्रताप सिंह
माता का नाममंजूल राजे
बेटे का नामब्रजराज सिंह, शिवराज सिंह
बेटी का नामराधावी , और बृजेश्वरी
कुल संपत्ति20 Cr.
पत्नी का नामभान्वी कुमारी
वैवाहिक स्थितिवैवाहिक

राजा भैया कौन है (Raja Bhaiya Kon hai)

उत्तर प्रदेश के तूफान विधायक कहे जाने वाले राजा भैया के बारे में बताया जाता है कि यह बहुत ही कम उम्र में विधायक बन गए थे और लगातार कई सालों से उत्तर प्रदेश की कुंडा विधानसभा से विधायक के पद पर काम कर रहे  हैं।

यह लगातार यहां की 7 बार विधायक चुने जा चुके हैं इनका राजनीति में आना इनकी पिता को पसंद नहीं था परंतु फिर भी इन्होंने राजनीति में कदम रखा है।

राजा भैया का जन्म (Raja Bhaiya Ka janm)

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में आने वाले भदरी  रियासत में 31 अक्टूबर 1968 को राजा भैया का जन्म हुआ है। इनका परिवार काफी संपन्न था और यह क्षत्रिय वर्ग में आते हैं इनका लालन-पालन बड़े ही  साही ढंग से किया गया है।

राजा भैया का परिवार (Raja bhaiya ki Family)

राजा भैया का परिवार क्षत्रिय समुदाय में आता है इनके दादा जी का नाम बजरंग बहादुर सिंह था जो कि एक बहुत बड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं। इनके पिता का नाम उदय प्रताप सिंह है।

राष्ट्रीय  स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं इनकी माता का नाम मंजुला राजे है जो कि एक बहुत बड़े घराने से संबंध रखती हैं। 

इनके माता-पिता ने प्यार से राजा बुलाते है क्योंकि यह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं परंतु इनका वास्तविक नाम रघुराज प्रताप सिंह है।

राजा भैया की शिक्षा (Raja bhaiya Education)

राजा भैया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद के महाप्रभु बाल विद्यालय से हासिल की और नौवीं की पढ़ाई के लिए धोने स्काउट एंड गाइड स्कूल एडमिशन ले लिया।

1985 में इन्होंने कक्षा दसवीं की परीक्षा पास की इसके बाद उन्होंने 1987 में इंटरमीडिएट स्कूल प्रयागराज में एडमिशन लेकर 12वीं कक्षा को पास किया। इन्होंने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई लखनऊ विश्वविद्यालय से पूरी की थी। 

राजा भैया का विवाह (Raja Bhaiya ki Shadi)

राजा भैया की शादी इनकी माता-पिता की पसंद से की गई इनकी पत्नी का नाम  भानवी देवी है यह दोनों अपने दांपत्य जीवन में काफी खुश हैं और इस शादी से इनकी उनके चार बच्चे है।

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जिनमें से दो बेटे और दो बेटियां इन के बड़े बेटे का नाम शिवराज प्रताप सिंह और छोटे बेटे का नाम ब्रजराज प्रताप सिंह है इसके अलावा उनकी दोनों बेटियों का नाम  राधवी  सिंह और बृजेश्वरी सिंह है।

राजा भैया का राजनीतिक कैरियर (Raja Bhaiya Ka political Career)

राजा भैया निर्दलीय विधायक के तौर पर बहुत ही कम उम्र में विजय हुए थे जब यह मात्र 26 साल के थे तब उन्होंने 1993 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और जनता ने ने भारी बहु मतों से विजई बनाया था।

उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट में 1993 में ही कल्याण सिंह  के कहने पर राजा भैया को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया था इसके बाद 1997 से लेकर 1999 तक राजा भैया कार्यान्वयन मंत्री का पद संभाला था और लगातार काम करते रहे है।

साल 1999 से लेकर 2000 तक इन्हें स्पोर्ट्स और युवा से संबंधित सभी मामलों का मिनिस्टर बनाया गया और 2004 से लेकर 2007 उत्तर प्रदेश के सरकारी खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग को सौंपा गया। 

इसके बाद में 2012 में जेल जाना पड़ा जेल से छूटने के बाद अखिलेश यादव की सरकार ने इन्हें जेल मंत्री का पद दिया था इसके बाद फिर से इन्हें  2012 से लेकर 2017 तक उत्तर प्रदेश के सरकारी खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग को  सौंप दिया गया। 

1993 से लगातार 7 बार उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की अंतर्गत आने वाली कुंडा विधानसभा सीट के तौर पर राजा भैया अपने नाम जीत हासिल करते आ रहे हैं। और उत्तर प्रदेश में इनका नाम सबसे ज्यादा बार 3 विधायक बनने वाली लिस्ट में सबसे ऊपर आ गया है।

राजा भैया और डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड 

राजा भैया को 2012 में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मैं खाद एवं नागरिक  आपूर्ति निगम सौंपा गया था और 

2013 में कुंडा के डीएसपी जिया उल हक की 2 मार्च के दिन अज्ञात भीड़ के द्वारा हत्या की गई थी।

इस हत्या में राजा भैया के साथ उनके कई लोगों का नाम बताया गया और काफी दवाब की चलती राजा भैया को 2013 में 4 दिनों के लिए मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा और 4 दिनों के लिए उन्हें जेल में जाकर रहना पड़ा था। 

परंतु कुछ दिनों बाद जब इसकी इसकी सीबीआई जांच कराई गई तो राजा भैया निर्दोष साबित हुए और इन्हें क्लोजर रिपोर्ट में क्लीन चिट मिल गई। 11 अक्टूबर 2013 की दिन राजा भैया को फिर से सम्मान कैबिनेट मंत्री बनाया गया और इनका डिपार्टमेंट इन्हें सौप दिया गया।

राजनीति में आने से पहले राजा भैया 

राजा भैया ने जो राजनीति में अपना कदम नहीं रखा था उससे पहले कुंडा विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की नियाज़ हसन का बोलबाला था जो कि बहुत ही अपराधी किस्म  का व्यक्ति था। परंतु जैसे ही राजा भैया ने राजनीति में अपना कदम रखा था।

नियाज हसन दोबारा कुंडा में जीत नहीं पाया नियाज हसन ने भी 1962 से लेकर 18 से 89 तक लगातार 5 बार विधानसभा सीट से विजय प्राप्त की थी। और इसके बाद भाजपा ने अपने समर्थन में राजा भैया को 2002 से 2007 तक 2012 के चुनाव में समाज पार्टी के द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर विधायक बने थे।

राजा भैया को गिरफ्तार करने वाले डीएम की होने वाली थी मृत्यु 

उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार  के दरमियां उस समय राजा भैया पर बहुत कठोर धाराएं लगाई गई थी और उन्हें  प्रतापगढ़ के डीएम मुस्तफा ने गिरफ्तार कर लिया था जो कि मुसलमान धर्म से संबंध रखते थे।

परंतु जब मायावती सरकार और समाजवादी सरकार उत्तर प्रदेश में बनी तब डीएम मुस्तफा अपनी सरकारी गाड़ी से लखनऊ जा रहे थे और रायबरेली से आगे बढ़ती मोहनलालगंज के आसपास उनकी गाड़ी के पीछे ना जाने कितनी गाड़ियां लग गई।

डी ए मुस्तफा समझ गए थे कि यह सब राजा भैया के ही आदमी है जो उन्हें जान से मारने आए हैं और कुछ देर बाद ही राजा भैया के आदमियों को राजा भैया ने फोन करके डीएम की खून के लिए मना कर दिया था।

ऐसा इसलिए उन्होंने किया था क्योंकि सरकार  मैं बैठे किसी आदमी ने उन्हें डीएम का खून करने के लिए मना कर दिया था इस मामले में कितनी सच्चाई है। इस बारे में तो कुछ कहा नहीं जा सकता परंतु प्रतापगढ़ की कई लोगों से यह बात सुनने को मिलती है।

राजा भैया की कारण कुंडा में कोई कुंडी नहीं लगा सकता 

समाजवाद पार्टी के उम्मीदवार गुलशन यादव की जीत के लिए अखिलेश यादव ने साल 2022 में एक रैली निकाली और  रैली में अखिलेश यादव ने कहा था कि कुंडा में अब कुंडी लगाने का समय आ गया है।

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तो इस बात का जवाब देते हुए राजा भैया ने कहा था हमने हाथों में चूड़ियां नहीं पहन रखी हुई है धरती पर ऐसा कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ है जो कुंडा में कुंडी लगा सके।

राजा भैया और प्रमोद तिवारी अच्छे दोस्त हैं (Raja Bhaiya and Pramod Tiwari are good friends)

प्रतापगढ़ जिले की अन्य विधानसभा सीट से कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी लगातार कई वर्षों से जीत हासिल करते आ रहे हैं उसी प्रकार कुंडा विधानसभा से राजा भैया जीत रहे हैं पहले यह एक दूसरे के दुश्मन हुआ करते थे।

Raja Bhaiya and Pramod Tiwari are good friends

परंतु कुछ राजनीतिक फायदों के लिए इन दोनों ने आपस में दोस्ती कर ली है और यह एक दूसरे को जिताने के लिए साथ देते हैं राजा भैया के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि उन्होंने एक बार प्रमोद तिवारी को मारने के लिए पूरा मन बना लिया था।

परंतु उनके आदमियों ने कहा कि प्रमोद तिवारी ब्राह्मण वर्ग से संबंध रखते हैं और उनकी मृत्यु करने पर आपको ब्रहम हत्या का पाप लगेगा और तब से उन्होंने प्रमोद तिवारी को मारने का विचार त्याग दिया इस बात में कितनी सच्चाई है इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है।

राजा भैया पर केस दर्ज (Raja bhaiya per case)

विधानसभा इलेक्शन 2017 में इलेक्शन कमिशन की पर जो हलफनामा दर्ज किया जाता है उसमें राजा भैया ने खुद बताया कि उनके ऊपर 395 397 307 364 323 504 506 427 34 जैसी कई धाराओं में मामले दर्ज किए जा चुके हैं और इन सभी मामलों में हत्या की कोशिश डकैती अपहरण जैसी कई धाराएं सम्मिलित है। 

राजा भैया विवाद  (Raja bhaiya Controversy)

राजा भैया को साल 2002 में गिरफ्तार किया गया था क्योंकि इनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूरन सिंह बुंदेला ने अपहरण और धमकी देने की एफ आई आर दर्ज करवाई थी जिसके कारण इनके पिता और चचेरे भाई अक्षय प्रताप आतंकवाद अधिनियम के तहत जेल भेज दिया गया था।

मुलायम सिंह यादव जब 2003 में समाजवादी सरकार बनी थी तो मात्र आधे घंटे में ही राजा भैया की ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया था। 

परंतु सुप्रीम कोर्ट ने इनके ऊपर लगे आरोपों को खारिज करने से साफ मना कर दिया और इतना सब कुछ करने के बाद भी राजा भैया उत्तर प्रदेश की एक शक्तिशाली व्यक्ति बने हुए हैं।

आर एस पांडे  जिनकी मौत एक रोड एक्सीडेंट में हो गई  है वह एक पुलिस अधिकारी थे जिनके ऊपर  राजा भैया ने गंभीर आरोप लगाए थे क्योंकि इन्होंने राजा भैया के घर छापा मारने वाली टीम की अगुवाई की थी।

प्रतापगढ़ जिले में एक गांव के अंदर अज्ञात भीड़ द्वारा डीएसपी जिया उल हक की हत्या की गई इसके लिए उनकी पत्नी ने राजा भैया पर अपने पति की मौत का आरोप लगाया और साथ ही उन्होंने कुंडा नगर पंचायत के अध्यक्ष गुलशन यादव राजा भैया के प्रतिनिधि हरिओम श्रीवास्तव और गाड़ी चालक गुड्डू सिंह को प्रमुख आरोपी बताया था।

इसके कारण राजा भैया को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल जाना पड़ा परंतु सीबीआई जांच के बाद में क्लीन चिट दी गईऔर इस केस बरी कर दिया गया था।

राजा भैया की कुल संपत्ति (Raja bhaiya Net worth)

यदि हम 2014 के आंकड़े के अनुसार बात करें तो राजा भैया के पास 14 करोड़ की संपत्ति है और वर्तमान समय  2023 चल रहा है तो निश्चित तौर पर उनकी संपत्ति में बढ़ोतरी हो गई होगी। एक सांसद के तौर पर देखा जाए तो राजा भैया को हर महीने158000 सैलरी मिलती है।

एक मोटे तौर पर अंदाजा लगाया जाए तो राजा भैया के पास चल और अचल संपत्ति मिलाकर करीब एक अरब से भी अधिक संपत्ति है। क्योंकि इनके पास बहुत ज्यादा जमीन है वैसे इनका खानदान भी पुराना जमींदार है।

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इनके पास कई तालाब हवेली और कई तरह की अलग-अलग बिजनेस हैं राजा भैया जिस हवेली में रहते हैं उस हवेली की कीमत करीब ₹120000000 से अधिक है।

राजा भैया की पसंद (Raja Bhaiya like & dislike)

पसंदीदा पुस्तकरश्मिथी रामधारी सिंह दिनकर
पसंदीदा कापजेरो लैंड क्रूजर एक्सयूवी
पसंदीदा टीवी शो  हिस्ट्री चैनल न्यूज़ केबीसी
पसंदीदा फिल्मेंअमर प्रेम दा मैग्नीफिसेंट सेवेन सेविंग प्राइवेट रयान
पसंदीदा चौपाईजेहि विधि नाथ होहि हित मोरा करहू सो बेगि दास मैं तोरा

Q. राजा भैया की संपत्ति कितनी है?

राजा भैया के पास लगभग 20 करोड़ की संपत्ति है

Q. राजा भैया की ससुराल कहां है?

राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह का बस्ती राजघराने से सीधा संबंध है.

Q. राजा भैया का तालाब कितने एकड़ में है?

राजा भैया की तालाब 600 एकड़ में फैला हुआ है

Conclusion

दोस्तों आज किस लेख में हमने राजा भैया के जीवन परिचय (Raja Bhaiya Biography in Hindi) के बारे में विस्तार से सभी जानकारी दी है वर्तमान समय में राजा भैया भारत के एक बहुत बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं उनके फैन फॉलोइंग की बात की जाए तो भारत के सभी राज्यों में उनके चाहने वाले लोग बहुत ज्यादा है.

राजा भैया ने कुंडा विधानसभा में अपना ऐसा ख्वाब दिखाया है कि उन्हें हराने वाला अभी तक कोई भी नेता कुंडा विधानसभा में पैदा नहीं हुआ है हमने आज के इस लेख में राजा भैया के राजनीतिक जीवन से जुड़ी सभी जानकारी आपके लिए साझा की है.

आशा करते हैं दोस्तों हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप खुश होंगे इसी प्रकार और भी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करें और यह सभी जानकारी आप अपने मित्रों को जरुर शेयर करें धन्यवाद.

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