अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय, जाने कैसे बने महान वैज्ञानिक | Albert Einstein Biography In Hindi
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Albert Einstein ka jeevan parichay: नमस्कार दोस्तों, आज इस लेख में हम आपको इस सदी के सबसे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में बताने जा रहे हैं जो विश्व के महान वैज्ञानिकों में से एक थे इन्हें नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
इन्होंने भौतिकी के क्षेत्र में बहुत सी खोजें और अविष्कार किए भौतिकी के क्षेत्र में इन्होंने अपना अद्वितीय योगदान देकर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान समय में हमारे देश में कई ऐसी तकनीकें हैं।
जो इनके सिद्धांतों पर काम कर रही है। इनके सिद्धांतों ने हमारे देश को विकसित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जैसे ही कोई जीनियस शब्द की बात करता है। तो अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप दिमाग में चला आता है।
क्योंकि इनके जन्मदिवस को ही जीनियस दिवस के रूप में मनाया जाता है। जी हां दोस्तों हम आपको बता दें अल्बर्ट आइंस्टीन ही दुनिया के सबसे ज्यादा जीनियस व्यक्ति थे यदि आप उनके जीवन के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
Table of Contents
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म (Albert Einstein Birth)
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म जर्मनी के उल्म शहर में 14 मार्च सन 1879 को यहूदी परिवार में हुआ था इनके पिता सेल्समैन और इंजीनियर थे। जिनका नाम हरमन आइंस्टीन था इनकी माता का नाम पोलीन आइंस्टीन था। इन के पिता 1880 मैं अपने पूरे परिवार को लेकर म्यूनिख शहर चले गए।
जहां पर उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर elektrotechnische fabrik j.& co. कंपनी खोली इस कंपनी में बिजली के उपकरणों का निर्माण होता था। इस कंपनी म्युनिख ने oktoberfest मेले को पहली बार रोशनी से जगमगाया था इस कंपनी से उनके परिवार का भरण पोषण होता था अल्बर्ट आइंस्टीन का बचपन भी म्यूनिख शहर में ही गुजरा था।
अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा (Albert Einstein Education)
अल्बर्ट आइंस्टीन का परिवार यहूदी परंपराओं को नहीं मानता था इसलिए अल्बर्ट आइंस्टीन कैथोलिक स्कूल में पढ़ने गए। स्कूल में प्रवेश के समय अल्बर्ट आइंस्टीन सामान्य बच्चों की तरह बोल नहीं पाते थे। और बचपन में वह पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे।
कुछ स्कूल टीचर तो उन्हें मानसिक विकलांग समझते थे। कुछ समय बाद ही अल्बर्ट आइंस्टीन पढ़ाई में अब्बल आने लगे और गणित में भी उनकी विशेष रूचि थी भले ही अल्बर्ट आइंस्टीन ने बोलना शुरू ना किया। हो परंतु वह प्रकृति के बनाए गए नियमों कंपास की सुई की दिशा इनका बहुत ही आसानी से अनुभव करते थे।
जब यह मात्र 6 वर्ष के थे तभी इन्होंने सारंगी बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपने संपूर्ण जीवन काल में सारंगी बजाया था। जब अल्बर्ट आइंस्टीन 12 वर्ष के हुए तभी इन्होंने ज्यामिति की खोज की और उसके कुछ फॉर्मूले बनाकर उनके प्रमाण भी दिए।
जब यह 16 साल के थे तब गणित के किसी भी कठिन से कठिन सवाल को बहुत ही आसानी से हल कर लेते थे। अल्बर्ट आइंस्टीन स्कूल नहीं जाना चाहते थे। क्योंकि उन्हें स्कूल जाना पसंद नहीं था वह सीधे ही कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते थे।
उनके अच्छा बर्ताव ना करने के कारण टीचरों ने उन्हें स्कूल से निकाल दिया क्योंकि उनके व्यवहार का असर उनके दोस्तों पर भी पढ़ता था।अंत में मैं अपने प्रिंसिपल की सलाह से आर्गोवियन कैंटोनल आरू स्कूल स्विजरलैंड गए।
1895 -96 मैं उन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा यहीं से प्राप्त की इसके बाद 1900 मैं अल्बर्ट आइंस्टीन ने फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और 26 साल की उम्र में ही इन्होंने पीएचडी कर ली थी जिसके बाद अपना पहला क्रांतिकारी विज्ञान संबंधी पत्र जारी किया।
अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी (Albert Einstein marraige)
जब अल्बर्ट आइंस्टीन पढ़ाई कर रहे थे तभी उनकी मुलाकात उनकी क्लास में मिलेबा से हुई जो पढ़ने में बहुत अच्छी थी दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे कुछ समय बाद ही इन दोनों में प्यार हो गया और इन्होंने 1903 मैं बर्न स्वीटजरलैंड में शादी कर ली कहा जाता है। कि आइंस्टीन की सफलता में मिलेबा का बहुत बड़ा हाथ है।
क्योंकि इन्होंने अल्बर्ट आइंस्टीन की खोज में बहुत ज्यादा मदद की है इस शादी से इनके दो बेटे और एक बेटी हुई इन के बेटों का नाम हंस अल्बर्टआइंस्टीनऔर एडअर्ड अल्बर्ट आइंस्टीन थाइनकी बेटी का नाम लीसरल आइंस्टीन था। जो कि मिलेबा और आइंस्टीन की शादी से पहले ही पैदा हो गई थी।
इन दोनों के बीच बहुत ही अधिक प्रेम था परंतु कुछ समय के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन ने मिलेबा को अपने पापा के यहां भेज दिया थाउनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। जिसके कारण वह बहुत ही चिड़चिड़ी हो गई थी।
जब मिलेगा आइंस्टीन से दूर थी तब आइंस्टीन की नज़दीकियां उनकी कजिन एल्सा से बढ़ने लगी और जैसे ही यह बात मिलेबा को पता चली। वह अपने बच्चों को लेकर आइंस्टीन से अलग रहने लगी और दोनों के बीच कुछ दिनों बाद ही तलाक हो गया इसके बाद आइंस्टीन ने एल्सा शादी कर ली।
अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग ( Albert Einstein brain in Hindi )
Albert Einstein brain weight – 1230 g
दोस्तों आपको बता दूं अल्बर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु 18 अप्रैल 1955 को हुई थी जब उनकी मृत्यु हुई थी तब एक पैथोलॉजिस्ट जिनका नाम डॉक्टर थॉमस था।उन्होंने अल्बर्ट आइंस्टाइन के परिवार वालों से बिना अनुमति के उनका दिमाग निकाल लिया।
इस हरकत के कारण उन्हें अपनी नौकरी से निकाल दिया था। डॉक्टर थॉमस का कहना था कि उन्होंने अल्बर्ट आइंस्टाइन का दिमाग केवल शोध करने के लिए इस्तेमाल किया था। वह यह देखना चाहते थे कि आइंस्टाइन के दिमाग में ऐसा क्या है। कि जिससे कारण वह इतना तेज दिमाग वाले व्यक्ति थे।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ उनका दिमाग 20 सालों तक जार में ही रखा रहा।कुछ सालों बाद अल्बर्ट आइंस्टाइन के बेटे की अनुमति मिलने के बाद उन्होंने दिमाग के 256 टुकड़े करके दुनिया के बड़े-बड़े वैज्ञानिकों को यह टुकड़े भेज दिए।
कुछ समय बाद रिसर्च करने के बाद पता चला कि अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग में Gliale Cell की मात्रा शायद अधिक थी। उनका लेफ्ट हिप्पोकैम्पस थोड़ा बड़ा था इसी कारण वह आम व्यक्ति से ज्यादा दिमाग वाले और सोचने वाले व्यक्ति थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन के आविष्कार
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने अपने जीवन में कई बड़ी खोज की जिसके कारण वह पूरी दुनिया में आज भी मशहूर है अपनी कई बड़ी खोज के कारण उन्हें आज भी याद किया जाता है आइए जानते हैं उनके द्वारा किए गए आविष्कारों के बारे में.
प्रकाश की क्वांटम थ्योरी –(Quantum theory of light)
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने प्रकाश की कमजोरी का अविष्कार किया था उन्होंने क्वांटम थ्योरी में ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है।जिसमें तरंग जैसी कुछ विशेषताएं होती है अपनी इस थ्योरी में उन्होंने धातुओं के कुछ इलेक्ट्रॉन की उत्सर्जन को भी समझाया है।
अपनी इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलीविजन का भी अविष्कार किया था और फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की भी रचना आइंस्टाइन के द्वारा की गई इन सभी दृश्य को शिल्प विज्ञान के द्वारा दर्शाया जाता है वर्तमान समय में ऐसे कई उपकरण का आविष्कार इन धरती पर हो गया है।
E= MC square –
अल्बर्ट आइंस्टाइन के द्वारा न्यूक्लियर ऊर्जा का आविष्कार किया गया है उन्होंने कहा है कि द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच समीकरण प्रमाणित किया जाता है उसे न्यूक्लियर उर्जा कहते हैं।
ब्रोव्नियन मूवमेंट – (Brownian Movement )
दोस्तों आपको बता दूं कि अल्बर्ट आइंस्टाइन के अपने जीवन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी खोज उन्होंने परमाणु के निलंबन मैजिक मोमेंट का अवलोकन किया जिसके कारण अणु और परमाणु के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है हम सभी लोग जानते हैं आज वर्तमान में विज्ञान के अधिकतर सभी ब्रांच में इसी का उपयोग किया जाता है।
स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी – (Special Theory of Relativity)
इस्त्री में अल्बर्ट आइंस्टाइन ने समय और गति के संबंध को समझाया है। ब्रह्मांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रकृति के नियमों के अनुसार बताया है इस थ्योरी का भी उपयोग कई जगह किया जाता है।
जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी – (General Theory of Relativity)
अल्बर्ट आइंस्टाइन के द्वारा जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी के बारे में बताया था।
मन्हात्तम प्रोजेक्ट –( Manhattam Project)
मन्हात्तम प्रोजेक्ट एक अनुसंधान है जो कि अल्बर्ट आइंस्टाइन के द्वारा बनाया गया एक प्रोजेक्ट है। यह अनुसंधान यूनाइटेड स्टेट का समर्थन करता है एटॉमिक बम सन 1945 में इसका प्रस्तावित किया और विश्व युद्ध के समय जापान में एटॉमिक बम का विनाश करना सीखा था।
आइंस्टीन का रेफ्रीजरेटर –(Einstein’s refrigerator)
अल्बर्ट आइंस्टाइन ने अपने जीवन की सबसे छोटी और सबसे शानदार खोज की थी उन्होंने एक ऐसे रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किया था। जो दिखने में तो बहुत छोटा था लेकिन उसमें अमोनिया, पानी, म्यूट और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके इस प्रकार आइंस्टाइन ने इस रेफ्रिजरेटर में विभिन्न विशेषताओं को ध्यान में रखकर इसका आविष्कार किया था।
आसमान नीला होता है –(The sky is blue)
आप सभी के मन में भी प्रश्न यही होता है कि आसमान नीला क्यों होता है? यह कहने पर तो एक सरल ही प्रश्न है लेकिन अल्बर्ट आइंस्टाइन ने इस पर बहुत ही सरल तरीके से कुछ बातें बताई है इसलिए आज पूरी दुनिया में अल्बर्ट आइंस्टाइन का नाम महान वैज्ञानिकों में लिया जाता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार ( Albert Einstein best quotes)
1. आपको खेल के नियम सीखने चाहिए तभी आप किसी खिलाड़ी से बेहतर खेल सकेंगे।
2. अल्बर्ट आइंस्टाइन कहते थे कि ब्रह्मांड और मूर्खता दोनों में सिर्फ इतना अंतर है कि ब्रह्मांड के बारे में दृढ़ता के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.
3. मूर्खता और बुद्धिमता में सिर्फ एक फर्क होता है की बुद्धिमता की एक सीमा होती है।
4. समय बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए।
5. अल्बर्ट आइंस्टाइन कहते थे कि अगर मानव को अपने जीवन में अच्छा जीवन जीना है तो उसे नई सोच के साथ जीना चाहिए.
6.इंसान को यह देखना चाहिए कि क्या है यह नहीं कि उसके अनुसार क्या हो।
7.मुक्त विचार के माहौल में ही विज्ञान पनप सकता है।
8.ऐसा नहीं है कि मैं चालाक हूं बस में समस्याओं के साथ अधिक समय तक बना रहता हूं।
9. कमजोर दृष्टिकोण कमजोर चरित्र का कारण बन जाता है।
10. इस संसार में हर किसी के पास अपनी एक अलग क्षमता होती है।
अल्बर्ट आइंस्टीन को मिलने वाले पुरस्कार (Albert Einstein best Awards)
1 | 1921 | भौतिकी का नॉबल पुरस्कार |
2 | 1921 | मत्तयूक्की मैडल |
3 | 1925 | कोपले मैडल |
4 | 1929 | मैक्स प्लांक मैडल |
5 | 1999 | शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार |
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (Albert Einstein death)
अल्बर्ट आइंस्टीन जर्मन में रहते थे। तभी हिटलर शाही का शासनआया यहूदी होने के कारण अल्बर्ट आइंस्टीन को जर्मन छोड़कर अमेरिका जाना पड़ा अल्बर्ट आइंस्टीन यहां के प्रिंसटन कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे। यदि अल्बर्ट आइंस्टीन चाहते तो अपने जीवन को और अधिक जी सकते थे।
क्योंकि उनकी तबीयत खराब होने की बाद डॉक्टरों ने उनसे ऑपरेशन करवाने का बोला था। परंतु उन्होंने ऑपरेशन करवाने से मना कर दिया और कहां कि मैं अपना जीवन जी चुका हूं। मशीनों के सहारे जीवन जीने में कोई मजा नहीं है।
76 वर्ष की उम्र में 18 अप्रैल 1955 में अल्बर्ट आइंस्टीन न्यूजर्सी के यूनाइटेड स्टेटस मेडिकल मैं दुनिया को अलविदा कह गए और इस दुनिया में एक जीनियस व्यक्ति को खो दिया जिसकी क्षति शायद ही कभी पूरी हो।
अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में रोचक तथ्य
दोस्तों कहा जाता है किजब अल्बर्ट आइंस्टीन की मौत हो गई तो उनके परिवार को बताए बिना ही अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग निकाल लिया गया। यह गलत कार्य डॉक्टर थॉमस हार्वे ने किया। क्योंकि वह अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग पर रिसर्च करना चाहते थे।
परंतु बाद में उन्होंने अपनी भूल स्वीकार कर उनके परिवार से अपनी गलती की क्षमा मांगी तब 1975 में आइंस्टीन के बड़े बेटे हंस की अनुमति से डॉक्टर थॉमस ने अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग पर रिसर्च शुरू की जिसके बाद 256 टुकड़ों को अलग-अलग वैज्ञानिकों के पास भेजे थे.
उनके दिमाग की रिसर्च करने के बाद डॉक्टर थॉमस और अन्य वैज्ञानिकों ने यह पाया कि उनके दिमाग में सामान्य व्यक्ति से ज्यादा cells थे इसी कारण अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग सामान व्यक्ति से अधिक सोचता था।
Q. अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म कहां हुआ था?
उल्म (जर्मनी)
Q. अल्बर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु कब हुई थी?
18 अप्रैल 1955
Q. अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म कब हुआ था?
14 मार्च 1879
Q. Albert Einstein brain weight
1230g
अंतिम शब्दों में
दोस्तों इस लेख में हमने आपको एक महान वैज्ञानिकअल्बर्ट आइंस्टीन के जीवन ( Albert Einstein ka jeevan parichay) से जुड़ी विभिन्न जानकारियां दी है कैसे उन्होंने अपने छोटे से जीवन काल में ऐसे ऐसे सिद्धांतों का प्रतिपादन किया है जिन पर चलकर आज हमारा देश इतनी तरक्की और ऊंचाइयों पर पहुंचा है।
अल्बर्ट आइंस्टीन हमें बताते हैं कि अपने जीवन में हम जो भी मुकाम हासिल करना चाहते हैं वह आसानी से कर सकते हैं बस उस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत और सच्ची लगन की जरूरत है वह कहते हैं कि हमारा जीवन एक साइकिल की तरह है।
जिस तरह साइकिल को चलाने के लिए संतुलन की आवश्यकता होती है उसी तरह जीवन को बेहतर तरीके से जीने के लिए उसमें एक संतुलन का होना बहुत जरूरी है यदि आपको यह लेख ( Albert Einstein biography in hindi ) पसंद आया हो तो अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।
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