यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है, जाने इसके फायदे और नुकसान | Uniform Civil Code kya hai
Uniform Civil Code kya hai In hindi: नमस्कार दोस्तों, आज इस लेख में हम आपको Uniform Civil Code के बारे में बताने जा रहे हैं। वैसे तो UCC को लेकर दिल्ली के संसद भवन में तकरीबन 73 साल पहले इस मुद्दे पर काफी बहस की गई थी ।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के अनुसार UCC को संविधान में लागू किया जाए या नहीं यह वह 1948 में 23 नवंबर की दिन की गई थी। परंतु इस बात पर आज तक कोई नतीजा भी नहीं निकाला गया और देखते ही देखते 70 साल निकल गए हैं।
परंतु यूसीसी पर आज तक कोई फैसला नहीं आया है । लेकिन आज जब हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार है तो लोगों ने इस सरकार से यह उम्मीद लगाई है । कि शायद वह इस मुद्दे पर कोई फैसला ले सके।
क्योंकि मोदी जी ने अपने कार्यकाल में अतीत में कुछ वक्त फैसले लिए थे । आज हमारे देश की चाय के ठेले से लेकर बड़े-बड़े काफी हाउस में भी यह मुद्दा चर्चा का विषय बना रहता है। कि मोदी सरकार UCC कानून लागू करेगी या नहीं प्रत्येक नागरिक यही सोच रहा है कि हमारे देश में भी एक देश एक कानून बनाया जाए।
यदि आप भी उसी के बारे में अभी भी समझ नहीं पाए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि UCC यानी Uniform Civil Code kya hai है।
UCC को विशेषज्ञ क्यों महत्वपूर्ण मानते हैंऔर सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक इस फैसले पर अपनी क्या राय पेश की है।
यदि आप यूसीसी के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आपको हमारे साथ अंतर तक बना रहना होगा क्योंकि इस लेख में हम आपको यूसीसी की संपूर्ण जानकारी देंगे तो आइए जानते हैं। यूसीसी कोड के बारे में तो Article को अंत तक जरूर पढ़ें।
Table of Contents
यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है? ( What is Uniform Civil Code )
Uniform Civil Code भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान कानून होना चाहिए चाहे वह नागरिक किसी भी धर्म या जाति का क्यों ना हो। यदि हमारे देश में भी समान नागरिक संहिता मैं जमीन जायदाद का बंटवारा ‘शादी तलाक के कायदे कानून और सभी धर्मों के लिए एक न्याय व्यवस्था,कानून होगा।
इसका मतलब है एक निष्पक्ष न्याय व्यवस्था जिसका किसी भी जाति या धर्म से कोई संबंध नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 44 के अनुसार भारत के राज्यों एवं सभी नगरों के नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता के नियम को लागू करने का निर्णय लिया गया है।
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यूनिफॉर्म सिविल कोड क्यों जरूरी है (Why Uniform Civil Code is necessary)
दोस्तों शायद आपको इस बात की जानकारी ना हो कि मात्र भारत ही एक ऐसा देश है जहां अलग-अलग धर्मों की मैरिज एक्ट हैं परंतु दुनिया के किसी भी देश में जाति और धर्म के आधार पर अलग-अलग कानून नहीं है।
इसलिए भारत में UCC लागू होना चाहिए जिससे कि वर्तमान समय में हमारे देश की जनसंख्या विवाह सहित कई तरह के ऐसे सामाजिक मुद्दे हैं। जिन पर हमेशा बहस होती रहती है दो पक्षों सियासी बहस के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ता है।
इसीलिए देश के कानून को एक ऐसे नए यूनिफार्म की आवश्यकता है जो प्रत्येक धर्म जाति संप्रदाय और वर्ग को एक ही स्थान में लेकर आ जाए साथ ही जब तक हमारे देश के संविधान में इस प्रकार की सुविधाएं सुधार नहीं किया जाएगा।
तब तक भारत के पंथनिरपेक्ष आने का मतलब भी साफ तौर पर नजर नहीं आएगा इसलिए इस मुद्दे पर फैसला लेना बहुत जरूरी है ताकि हमारा देश में दुनिया के अन्य देशों की तरह और तरक्की कर सके।
जब तक हमारे देश में अलग-अलग धर्मों की अलग-अलग कानून बने हुए हैं तब तक हमारी न्यायपालिका पर भी काफी बोझ पड़ा रहेगा और इस परेशानी से भी छुटकारा नहीं मिल पाएगा परंतु यदि हम UCC नियम लागू करते हैं।
अदालतों में जो लंबे समय से कुछ फैसले अटके पड़े हुए हैं उन पर भी जल्द से जल्द फैसला लिया जा सकेगा और न्यायपालिका के बोझ को भी थोड़ा कम किया जा सकेगा। वर्तमान समय में हर धर्म के लोग शादी, गोद लेना,जमीन जायदाद ,तलाक आदि मानव पर कार्यवाही या निपटारा अपने निजी कानून के तहत करते हैं।
परंतु जब देश में एक जैसा कानून बन जाएगा तो प्रत्येक व्यक्ति को इसका पालन करना पड़ेगा और देश की न्यायपालिका की स्थिति में भी काफी सुधार आ जाएगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध क्यों हो रहा है
भारत में कई लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि उस इसी कानून लागू ना हो क्योंकि उनके अनुसार यूसीसी नियम सभी धर्मों पर हिंदू कानून को तो अपने जैसा है परंतु ऐसा नहीं है। इसका उद्देश्य भारत के प्रत्येक नागरिक को एक समान नजर से देखना तथा न्याय करना है।
कई मुस्लिम धर्म के गुरु और विशेषज्ञों ने यूपीसी कोड का विरोध किया है और इसे लागू करने के लिए काफी बहस भी की ।उन्होंने कहा है कि प्रत्येक धर्म की अपनी आस्था और विश्वास होता है ऐसे में उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
परंतु लोग कब समझें कि यह यूसीसी हमारे देश को समान न्याय व्यवस्था की कुंजी में लाकर खड़ा कर देगा ना जाने हमारे देश के लोगों की आंखें कब खुलेगी और कब संविधान के अनुच्छेद 44 को लागू होने देंगे।
दुनिया के इन देशों में लागू है यूसीसी
भारत में इस समय यूपीसी के मुद्दे को लेकर बड़ी बहस चल रही है और यह बहस पिछले 73 सालों से लगातार चली आ रही है।
परंतु अन्य देशों में ऐसा नहीं है पाकिस्तान, बांग्लादेश, सूडान, मलेशिया, इजिप्ट जैसे कई देशों में यूसीसी नियम पहले से लागू हो चुका है भारत देश में ना जाने कब है नियम लागू होगा।
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यूनिफॉर्म सिविल कोड में शामिल विषय है ?
1 | संपत्ति का अधिकार और सञ्चालन |
2 | व्यक्तिगत स्तर |
3 | विवाह, तलाक गोद लेना |
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
यूसीसी नियम कानून को लेकर भारत की नई दिल्ली में स्थित सुप्रीम कोर्ट भी कई बार अपनी टिप्पणी दे चुका है सुप्रीम कोर्ट ने यूसीसी को लेकर कई बार भिन्न-भिन्न मामलों का हवाला दिया और अपने तर्क प्रस्तुत कर दिए हैं।
शाहबानो प्रकरण 1985
हमारे संविधान का अनुच्छेद 44 एक मृत अक्षर बनकर ही रह गया है वही हमारे देश के लोगों के लिए यह बहुत दुख का विषय था कि अनुच्छेद 44 के अनुसार यह प्रावधान है कि भारत सरकार भारत के सभी नागरिकों के लिए एक जैसा समान नागरिक संहिता बनाएं।
परंतु अभी तक इस नियम को बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं ना ही इसका हमें कोई पुख्ता सबूत मिल पाया है।
सरदला मुकदमा केस 1995
संविधान को बनाने वाले लोगों की इच्छा के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 44 को ना जाने कब लागू किया जाएगा इस नियम कानून व्यवस्था में सरकार और कितना समय लेगी 1955 56 में उत्तराधिकारी और अनेक साड़ी संचालित करने वाली परंपरागत हिंदू कानूनों को बहुत पहले ही संहिता करण करके हटा दिया गया था।
परंतु देश में समान नागरिकता को लंबे समय तक निलंबित रखने का कोई भी औचित्य नहीं है समाज में कुछ ऐसी कुप्रथा ए भी व्याप्त है। जो मानव अधिकार की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। किसी भी धर्म या संप्रदाय के नाम पर यदि किसी भी व्यक्ति के मानव अधिकारों का गलत होता जा रहा है।
तो इसे निर्दयता कहा जाएगा हमारे देश की राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को मजबूत बनाने के लिए नितांत का होना बहुत आवश्यक है तभी हमारी देश की गरिमा और शांति को बनाया जा सकता है।
जॉन बलवत्तम केस 2003
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह बहुत बड़ी दुख की बात है कि अनुच्छेद 44 को अभी तक लागू नहीं किया गया है। देश की संसद को अभी भी भारतीय नागरिकों के हित के लिए एक समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक ठोस कदम उठाना है।
शाह बानो की 2017
शाह बानो द्वारा 2017 में यूसीसी को लेकर एक केस किया गया था इसमें उन्होंने कहा था कि हम सरकार को निर्देशित करते हैं कि वह जल्द से जल्द एक उचित विधान बनाने पर अपना विचार विमर्श करें हमें उम्मीद है।
इस्लामिक देशों में शरीयत में हुए सुधारों को लेकर एक कानून बनाया जाए जब अंग्रेजों की सरकार भारतीय दंड संहिता को लेकर एक कानून बना सकती है तो भारत में पीछे क्यों रहे ।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर किसने लगाई याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एक्टिवेट अश्विनी उपाध्याय ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कराए जाने को लेकर एक याचिका दायर कर रखी है उनके अनुसार देश एक संविधान के आधार पर चलता है देश में कैसा विधान होना चाहिए।
सभी धर्म और संप्रदाय पर समान रूप से लागू हो किसी भी पंथनिरपेक्ष देश में धार्मिक आधार पर भिन्न-भिन्न कानून नहीं होते हैं। इसीलिए हमारे भारत में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड अनिवार्य तौर पर लागू होना चाहिए क्योंकि इसके द्वारा ही हमारा देश प्रगति की राह पर आगे बढ़ सकता है।
देश में यूजीसी की दिशा में अब तक किए गए प्रयास
- भारत के संविधान 1954 में विशेष विवाह अधिनियम के अनुसार यह प्रावधान बताया गया है कि किसी भी धर्म के लोगों को शादी की अनुमति दी गई है इस अधिनियम में भारतीय नागरिक को धार्मिक रीति-रिवाजों से अलग शादी करने का भी अधिकार दिया गया है।
- 1985 मैं जब शाहबानो की पति ने उन्हें भरण पोषण देने से मना कर दिया था तब सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत छह वाहनों के हक में फैसला दिया था। यह नियम सभी भारतीय नागरिकों को यह बताता है कि उन्हें अपनी पत्नी और बच्चों के साथ माता पिता का भी पालन पोषण करना है।
- सरला मृदुल केस में भी 1995 मैं सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लेने के लिए यूजीसी का सहारा लिया था साथ ही 2019 में पाउलो और मारिया लुइजा वेलिटिना पैरा मामले में भी यूसीसी को लागू करने की बात कही गई थी।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे
- यूपी लागू हो जाने के बाद देश के प्रत्येक धर्म और जाति के लोगों को एक समान अधिकार दिए जाएंगे।
- इस नियम के लागू होते ही लैंगिक समानता में भी बढ़ोतरी होगी।
- यूटीसी लागू होते ही भारत की महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार एवं बदलाव आएगा।
- इस नियम के लागू होने से कानून के काम करने में सरलता और स्पष्टता का अभाव देखा जाएगा।
- वर्तमान समय में देश में फैले व्यक्तिगत धर्मों कानूनों के आधार पर जो भेदभाव किया जाता है वह भी समाप्त हो जाएगा।
- कानून व्यवस्था मे भी सभी को समान अधिकार दिए जाएंगे।
- कुछ जाति एवं संप्रदायों में महिलाओं को सीमित अधिकार दिए गए हैं परंतु यूसीसी लागू होने के कारण बाद में उन्हें भी समानता का अधिकार प्राप्त होगा।
- महिलाओं का अपने पिता की संपत्ति पर अधिकार हो या चाहे किसी संगठन को गोद लेने का अधिकार सभी पर एक समान नियम लागू होगा।
- मुसलमानों में बेटियों की शादी की उम्र महज 9 साल की है यूजीसी लागू होने के बाद छोटी उम्र में विवाह को रोका जा सकेगा।
- कई समाज में धार्मिक रूढ़िवादी एवं कुर्तियों से हो रहे हनन को रोका जा सकेगा।
- मुस्लिम समाज में आज भी ऐसी कई महिलाएं हैं जो कई तरह की तलाक का खामियाजा भुगत रही हैं लागू होने के बाद में भी सुकून मिल सकेगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कहाँ पर है?
दोस्तों यूनिफॉर्म सिविल कोड वर्तमान समय में बहुत चर्चा में है लेकिन अलग-अलग राज्यों के अलावा केंद्र सरकार की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए चर्चा में लाया गया है। लेकिन यह इतना बड़ा मुद्दा है कि इसे अभी भारत में कार्यान्वयन में नहीं कर पाए हैं।
हम सभी जानते हैं कि भारत में सिर्फ वर्तमान समय में एक ही राज्य है जहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कर दिया गया है और वह राज गोवा है जब गोवा में पुर्तगाल की सरकार बनी थी।
उसी समय यूनिफॉर्म सिविल कोड को वहां पर लागू कर दिया गया था इस कानून को पुर्तगाल में लागू करने के बाद वहां के आम नागरिकों को सभी धर्मों के लोग के तरह समानता मिलती गई।
साल 1961 में जब पुर्तगाल में सरकार बनी थी उस समय यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही वहां पर सरकार बनाई गई थी।
भारतीय संविधान के भाग 4 के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत साफ लिखा है कि भारत के सभी राज्य के नागरिकों को समान नागरिक संहिता का निर्माण करना जरूरी है जो कभी भी पूरे देश में लागू किया जा सकता है।
Q. दुनिया के किन देशों में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया गया है?
दुनिया के बहुत से देशों में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया गया है जैसे, पाकिस्तान, मलेशिया इंडोनेशिया तुर्की समान इत्यादि
Q. यूसीसी का फुल फॉर्म क्या है?
UCC का फुल फॉर्म यूनिफॉर्म सिविल कोड है
Q. भारत में किस राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है ?
भारत में गोवा राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है
आज आपने सीखा
दोस्तों इस लेख में हमने आपको Uniform Civil Code kya hai के बारे में विस्तार से सभी जानकारी बताइए आज पूरी दुनिया में यूनिफॉर्म सिविल कोड के ऊपर वह चल रही है भारत सरकार भी इस कानून को लागू करने के लिए पूरी तरह कार्यान्वयन पर है हमने आपको इस लेख में UCC के बारे में विस्तार से सभी जानकारी बताई है।
आशा करते हैं दोस्तों हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप खुश होंगे यदि आप सभी को यह जानकारी अच्छी लगी होगी तो आप अपने मित्रों को जरूर शेयर करें धन्यवाद ।
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